भारत-पाक तनाव: मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ेगा असर, विशेषज्ञों ने किया अलर्ट

punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत-पाक सीमा पर रहने वाले लोग अक्सर गोलाबारी, सीमा पार से आने वाले खतरों और सेना की हलचल को करीब से देखते हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। डॉ. एके कुमार के अनुसार, लगातार डर और चिंता से घबराहट, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और मन की अशांति जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष प्रभाव
बॉर्डर इलाकों में रहने वाले बच्चे और बुजुर्ग इस तनाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बच्चों में डर बैठ जाता है, वे सामान्य गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पाते, पढ़ाई में मन नहीं लगता। वहीं बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ-साथ मानसिक चिंता भी घेर लेती है।

मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय
➤ विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
➤ सकारात्मक सोच बनाए रखें: नकारात्मक खबरों से दूरी बनाएं और कोशिश करें कि मन में उम्मीद और भरोसा बना रहे।
➤ टीवी और मोबाइल से ब्रेक लें: बार-बार न्यूज देखना मानसिक तनाव को और बढ़ाता है। जरूरी है कि दिन में कुछ समय अपने मनपसंद कामों में लगाएं।
➤ योग और ध्यान करें: रोज 15-20 मिनट का योग और मेडिटेशन मानसिक शांति में मदद करता है। इससे मन स्थिर होता है और डर कम होता है।
➤ बच्चों को समझाएं और उनका मनोबल बढ़ाएं: बच्चों से खुलकर बात करें, उन्हें यह समझाएं कि वे सुरक्षित हैं और यह तनावपूर्ण समय बीत जाएगा।

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता
कश्मीर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। यहां केवल दो मानसिक अस्पताल हैं जो 12 मिलियन से अधिक लोगों की सेवा करते हैं। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता है। इस तनावपूर्ण समय में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है। यदि किसी को घबराहट, चिंता या नींद की समस्या हो रही है तो मनोचिकित्सक या काउंसलर की मदद लें। इलाज करवाना कमजोरी नहीं है, यह समझदारी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Rahul Rana

Related News