‘भारत को जल्द मिल सकता है एक और स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर शिप’, नौसेना चीफ ने दिए संकेत
punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2023 - 06:11 PM (IST)
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नेशनल डेस्कः नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि ‘आईएनएस विक्रांत' को बल में शामिल करने के बाद नौसेना एक और स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) के लिए ऑर्डर देने पर विचार कर रही है और इसके लिए जमीन तैयार कर रही है। नौसेना प्रमुख एडमिरल कुमार उन्नत लड़ाकू पोत ‘महेंद्रगिरि' को बेड़े में शामिल किए जाने के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वदेश में तैयार ‘आईएनएस विक्रांत' के साथ, कोचीन शिपयार्ड ने आईएसी के विनिर्माण में विशेषज्ञता हासिल कर ली है।
एडमिरल कुमार ने कहा कि ‘आईएनएस विक्रांत' के बाद नौसेना विमानवाहक पोत के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत के विनिर्माण के संदर्भ में बहुत सारी विशेषज्ञता प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि एक अन्य विमानवाहक पोत के लिए दोबारा आदेश देने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए मामला तैयार किया जा रहा है। भारत के पास अभी दो विमानवाहक पोत हैं - ‘आईएनएस विक्रमादित्य' और ‘आईएनएस विक्रांत'। पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत पिछले साल सितंबर में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।
नौसेना में शामिल हुआ महेंद्रगिरी शिप
इससे पहले मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी' का शुक्रवार को मुंबई में जलावतरण किया गया। जलावतरण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि युद्धपोत का जलावतरण मुंबई जैसे शहर में हुआ। ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत ‘परियोजना 17-ए' के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है। यह युद्धपोत उन्नत युद्धक प्रणालियों, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है।
धनखड़ ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि जलावतरण के बाद ‘महेंद्रगिरी' भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं। वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है।''
‘महेंद्रगिरी' के जलावतरण को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘परियोजना 17-ए' के तहत निर्मित नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ‘आत्म निर्भरता' की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत ‘नीलगिरि' श्रेणी के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए।'' धनखड़ ने कहा कि ‘महेंद्रगिरी' का जलावतरण नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है।'' जलावतरण समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।