खालिस्तान समर्थक ट्रूडो को बड़ा झटका: कनाडाई राजनेता ने आंतकी निज्जर की पहचान को लेकर किया बड़ा खुलासा !
punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2024 - 12:05 PM (IST)
Ottawa: पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ( People's Party of Canada leader Maxime Bernier )ने खालिस्तानी आतंकवादी (Khalistani Terrorist) हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) के प्रति सहानुभूति जताने वाले पीएम जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका दिया है।कनाडा की राजनीति में विपक्ष का अहम चेहरा बर्नियर का कहना है कि पिछले साल सरे में गुरुद्वारा साहिब के बाहर मारा गया निज्जर एक विदेशी आतंकवादी था। उन्होंने कहा कि निज्जर कनाडाई नहीं था क्योंकि उसने 1997 में जाली दस्तावेजों का उपयोग करके कनाडा में शरण लेने की कई बार कोशिश की थी।
एक्स पर निज्जर की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में बर्नियर ने लिखा कि आरसीएमपी और ट्रूडो सरकार ने आरोप लगाया है कि भारतीय राजनयिकों ने हमारे क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में भाग लिया। ये आरोप निश्चित रूप से बहुत गंभीर हैं और इनसे निपटा जाना चाहिए। हालाँकि, यह भी याद रखना चाहिए कि इसका कोई प्रमाण अभी तक हमें उपलब्ध नहीं कराया गया है। साफ है कि जस्टिन ट्रूडो इस मुद्दे का इस्तेमाल दूसरे विवादों से ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं।बर्नियर ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच विवाद की वजह हरदीप सिंह निज्जर हैं. हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि पिछले साल मारा गया खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर कनाडाई नहीं था। वह वास्तव में एक विदेशी आतंकवादी था जिसने 1997 से कई बार कनाडा में शरण लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। उनके दावों को कई बार खारिज कर दिया गया लेकिन अंततः 2007 में उन्हें नागरिकता प्रदान की गई।
बर्नियर ने कहा कि हमें प्रशासनिक त्रुटि को सुधारना चाहिए और मरणोपरांत उनकी नागरिकता छीन लेनी चाहिए। उनके पहले फर्जी शरण दावे के बाद उन्हें निर्वासित कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कनाडा दशकों से विदेशियों को आमंत्रित करता रहा है। हमें इस गलती को पहचानना चाहिए और इस मुद्दे पर अपने प्रमुख सहयोगी भारत के साथ अपने रिश्ते को खतरे में डालने के बजाय समाधान खोजने पर काम करना चाहिए। जून 2023 में सरे में निझार की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। इसकी वजह ये है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या में भारत का हाथ होने का दावा किया है। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ट्रूडो सरकार भारत के प्रति शत्रुता का भाव रखती है। उनकी सरकार ने कनाडा में भारतीय समुदाय को परेशान करने और आतंकित करने के लिए चरमपंथियों को जगह दी है।