Heavy Rain Alert: भारी बारिश का कहर, बढेगी ठंड़, लोगों को सतर्क रहने की सलाह, IMD का इन राज्यों में अलर्ट
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 07:37 PM (IST)
नेशनल डेस्कः देश के मौसम में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि कई शक्तिशाली वेदर सिस्टम एक साथ सक्रिय हो गए हैं। स्ट्रेट ऑफ मलक्का और दक्षिण अंडमान सागर में बना लो प्रेशर एरिया पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए 24 नवंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन में बदल सकता है। अगले 48 घंटों में इसके और अधिक मजबूत होकर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की आशंका जताई गई है, जबकि उत्तर भारत में सर्दी और तेज़ महसूस होने वाली है। समुद्र में खराब मौसम के कारण मछुआरों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
भारी बारिश की चेतावनी
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 23 से 28 नवंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। तमिलनाडु, केरल और माहे में 23 और 24 नवंबर को भारी बारिश की संभावना है। रायलसीमा में 23 नवंबर को भारी बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और लक्षद्वीप में भी 23 और 24 नवंबर को तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
तेज हवाओं का खतरा
- अंडमान-निकोबार में अगले छह दिनों तक 40–50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
- तमिलनाडु के तटीय जिलों में 23 और 24 नवंबर को हवा की रफ्तार 30–40 किमी प्रति घंटा रह सकती है।
उत्तरी भारत में शीतलहर के संकेत
उत्तर पश्चिम भारत में अगले चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2–3 डिग्री गिरावट दर्ज की जा सकती है। महाराष्ट्र में भी तापमान में गिरावट का अनुमान है। पश्चिम यूपी में 23 और 24 नवंबर को रात और सुबह के समय घना कोहरा छा सकता है।
मछुआरों को अलर्ट
मौसम विभाग ने मछुआरों को 23 से 28 नवंबर तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में न जाने की सख्त सलाह दी है। अरब सागर में केरल तट, लक्षद्वीप और कोमोरिन क्षेत्र में 23 से 25 नवंबर तक खतरा बना रहेगा। बंगाल की खाड़ी में गल्फ ऑफ मन्नार, तमिलनाडु, श्रीलंका तट और अंडमान सागर में 23 से 28 नवंबर तक समुद्री गतिविधियां बेहद जोखिमपूर्ण होंगी।
अपर एयर चक्रवाती सर्कुलेशन एक्टिव
कोमोरिन क्षेत्र में मिड-ट्रोपोस्फेरिक स्तर तक फैला अपर एयर चक्रवाती सर्कुलेशन एक्टिव है। इसके प्रभाव से 25 नवंबर के आसपास कोमोरिन, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका क्षेत्र में एक नया लो प्रेशर बनने की संभावना है। साथ ही पूर्वी बांग्लादेश, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और पूर्वोत्तर अरुणाचल प्रदेश के ऊपर भी अलग-अलग स्तरों पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय हैं, जो मौसम को और ज्यादा प्रभावित करेंगे।
