IIT दिल्ली के पूर्व छात्र ने Smoking में निकोटिन की मात्रा कम करने के लिए बनाया अनोखा सिगरेट फिल्टर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 02:39 PM (IST)

नई दिल्ली:  IIT दिल्ली के पूर्व छात्र प्रतीक शर्मा ने धूम्रपान करने वालों के लिए एक ऐसा सिगरेट फिल्टर विकसित किया है जो ना सिर्फ उनके शरीर में जाने वाली निकोटिन की मात्रा को कम करेगा बल्कि उन्हें इस आदत को छोड़ने में भी मदद करेगा। आईआईटी के इस छात्र को यह विचार 2018 में सिनेमाघर में एक फिल्म के दौरान धूम्रपान नहीं करने की सलाह देने वाला परामर्श देखने के बाद आया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से 2015 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले शर्मा ने ‘सिगीबड' नाम से दुनिया का पहला ऐसा सिगरेट फिल्टर बनाया है जो धूम्रपान की लत को छोड़ने में मदद करेगा। 

शर्मा का दावा है कि ‘सिगीबड' बुधवार से बाजार में उतर रहा है और यह सिगरेट पीने वालों के अनुभव या स्वाद में कोई बदलाव किए बगैर धूम्रपान के दौरान उनके शरीर के भीतर जाने वाली 80 फीसदी निकोटिन को फिल्टर कर सकता है। गौरतलब है कि सिगरेट के लिए फिल्टर बनाने का विचार जब शर्मा के जे़हन में आया तो उस वक्त वह मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आधुनिक वायु फिल्टरेशन का उपाय खोज रहे थे। आईआईटी दिल्ली में पढ़ने के दौरान शर्मा ने अपने प्रोफेसर की मदद से ‘नैनोफाइबर टेक्नोलॉजी' विकसित की और उसे पेटेंट कराया। 2015 में स्नातक करने पर उन्होंने इस तकनीक पर आधारित उत्पाद बनाने और उन्हें बाजार में उतारने पर काम शुरू किया। यहां तक कि शर्मा की लीक से हटकर इस सोच को राष्ट्रपति ने 2017 में ‘स्टार्टअप नेशनल अवार्ड' दिया था। 

शर्मा ने कहा, ‘‘हम पहले से ही नासोफिल्टर, नैनोक्लीन पॉल्यूशन नेट और मासोमास्क आदि उत्पादों पर काम कर रहे थे। लेकिन, उस परामर्श ने हमें प्रेरित किया और हमारे काम के दायरे को बढ़ा दिया। हमने तय किया कि इसी तकनीक का उपयोग अब कुछ ऐसा बनाने में करेंगे जो लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करे।'' शर्मा की टीम ने एक शोध किया जिसमें उन्हें पता चला कि धूम्रपान करने वाले 63 प्रतिशत लोग इस आदत को छोड़ना चाहते हैं लेकिन निकोटिन के नशे के कारण ऐसा कर नहीं पाते। टीम को यह भी पता चला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बिना किसी मदद के महज चार फीसदी लोग ही धूम्रपान छोड़ने में कामयाब हो पाते हैं। 

शर्मा ने दावा किया, ‘‘हमें एहसास हुआ कि धूम्रपान छोड़ने की सलाह देने और वास्तव में धूम्रपान छोड़ने में बहुत बड़ा अंतर है। हमने चार साल मेहनत की... और सिगीबड बनाया.. यह धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाला दुनिया का पहला सिगरेट फिल्टर है। यह धूम्रपान करने वालों को तीन महीने में यह आदत छोड़ने में मदद करेगा।'' शर्मा के अनुसार, यह फिल्टर धीरे-धीरे धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के शरीर में निकोटिन की मात्रा कम करके उसकी आदत को बदलता है।

 शर्मा ने कहा, ‘‘सिगीबड धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाला तीन महीने लंबा वैज्ञानिकों द्वारा सत्यापित इलाज है। यह धूम्रपान छोड़ने में मददगार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित ‘निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी' से प्रेरित है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्राथमिक लक्ष्य लोगों को हमारे सिगीबड (लाइट, अल्ट्रा, प्रो) की मदद से धूम्रपान छुड़ाना है... लेकिन जो लोग धूम्रपान नहीं छोड़ना चाहते हैं वे कम से कम सिगीबड (लाइट) का उपयोग शुरू कर सकते हैं। सिगीबड (लाइट) के नैनोफाइबर इसे कम नुकसानदेह बनाते हैं।

उन्होंने बताया कि सिगीबड के प्रत्येक पैकेट में 30 फिल्टर होंगे जिसकी कीमत 350 रुपये होगी और प्रत्येक फिल्टर का एक बार उपयोग करना सही रहेगा, लेकिन लोग इसका अधिकतम तीन बार उपयोग कर सकते हैं। उनका कहना है कि तीन बार के बाद फिल्टर प्रभावी नहीं रह जाएगा। शर्मा ने कहा कि वह सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के संपर्क में भी हैं ताकि उन्हें बायो-सेफ सिगरेट फिल्टर बनाने की सामग्री उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि सिगरेट बट को यूंही फेंक दिया जाना आज हमारे समुद्री प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है और हमारी तकनीक बायो-सेफ फिल्टर बनाने का हल सुझा सकती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News