जानिए क्या देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी लेते हैं छुट्टियां? चौंका देगा जवाब!

punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 09:33 AM (IST)

नेशनल डेस्क। एक आम नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए हफ्ते में मिलने वाली एक या दो छुट्टियां किसी संजीवनी से कम नहीं होतीं लेकिन जैसे-जैसे पद और जिम्मेदारियां बढ़ती हैं छुट्टियों का स्वरूप भी बदल जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले व्यक्तियों को कितनी छुट्टियां मिलती होंगी और इसके क्या नियम हैं? आइए जानते हैं...

राष्ट्रपति: 'ऑन ड्यूटी' मुखिया, साल में एक 'प्रोटोकॉल ब्रेक'

राष्ट्रपति जो देश के प्रथम नागरिक और मुखिया होते हैं एक अत्यंत जिम्मेदारी भरा पद संभालते हैं। उन्हें उच्च वेतन और आवास जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं। जहां तक छुट्टियों की बात है राष्ट्रपति के लिए सुकून के पल बिताने के लिए हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम और शिमला में रिट्रीट बिल्डिंग जैसी विशेष जगहें हैं। राष्ट्रपति साल में कम से कम एक बार इन स्थानों पर जरूर जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि जब राष्ट्रपति इन जगहों पर प्रवास करते हैं तो उनके कार्यालय को भी अस्थायी रूप से वहीं शिफ्ट कर दिया जाता है। इस प्रकार राष्ट्रपति का पद इतना महत्वपूर्ण है कि उन्हें हमेशा 'ऑन ड्यूटी' ही माना जाता है भले ही वे आधिकारिक तौर पर कार्यालय में न हों। उनका यह प्रवास एक तरह का प्रोटोकॉल ब्रेक होता है लेकिन यह पूरी तरह से छुट्टी नहीं होती।

 

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प्रधानमंत्री: '24x7' देश सेवा, छुट्टी का कोई प्रावधान नहीं

भारत का प्रधानमंत्री देश का सबसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी वाला पद है। राष्ट्रीय महत्व के हर फैसले में प्रधानमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य होती है। प्रधानमंत्री की छुट्टियों को लेकर कई बार चर्चा हुई है। आपने भी सुना होगा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक भी छुट्टी नहीं ली है। इस संबंध में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) भी दाखिल की गई थी जिसका जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दिया था। 

 

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पीएमओ के अनुसार देश के प्रधानमंत्री के लिए छुट्टियों का कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री हमेशा 'ऑन ड्यूटी' रहते हैं। चाहे वे अपने कार्यालय में हों देश के किसी अन्य भाग में हों या विदेश में प्रधानमंत्री को लगातार देश के लिए काम करते रहना होता है। इस प्रकार प्रधानमंत्री का पद चौबीसों घंटे और सातों दिन देश सेवा में समर्पित रहता है जिसमें पारंपरिक अर्थों में छुट्टी लेने की कोई गुंजाइश नहीं होती।

वहीं कहा जा सकता है कि देश के शीर्ष पदों पर छुट्टियों की अवधारणा एक आम नौकरीपेशा व्यक्ति से काफी अलग है। राष्ट्रपति को साल में एक बार एक आधिकारिक प्रवास का अवसर मिलता है जबकि प्रधानमंत्री के लिए तो छुट्टी का कोई औपचारिक प्रावधान ही नहीं है। उनकी जिम्मेदारियां उन्हें हमेशा देश सेवा में बांधे रखती हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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