दिल का दौरा पड़ने से 20 से जयादा लोगों की मौत, क्या कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट? सरकार का आया बड़ा बयान
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 11:10 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में कर्नाटक के हासन जिले में अचानक दिल का दौरा पड़ने से 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद कोरोना वैक्सीन को लेकर फिर बहस छिड़ गई थी। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस बात को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए कि कहीं इन मौतों का संबंध वैक्सीन के दुष्प्रभावों से तो नहीं है? मामला इस हद तक गंभीर हो गया कि खुद कर्नाटक सरकार को इसकी जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करनी पड़ी।
लेकिन अब देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। ICMR और एम्स द्वारा संयुक्त रूप से की गई हालिया रिसर्च में साफ किया गया है कि कोरोना वैक्सीन और कर्नाटक में हुई अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। यह अध्ययन उन मौतों के संदर्भ में किया गया था जो कोविड महामारी के बाद हुई हैं और जिनके पीछे वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।
Extensive studies by ICMR and AIIMS have confirmed no direct link between COVID-19 vaccines and sudden adult deaths. Investigations identified lifestyle and pre-existing health conditions as key contributing factors behind such incidents, ruling out vaccine-related causes pic.twitter.com/74VrBgxKUt
— IANS (@ians_india) July 2, 2025
रिसर्च क्या कहती है?
ICMR और AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों की मौत हुई है, उनके मामलों में वैक्सीन का साइड इफेक्ट नहीं, बल्कि उनकी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां और बिगड़ती जीवनशैली प्रमुख वजहें थीं। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारियां इन मौतों से पहले मौजूद थीं और अधिकांश मामलों में समय पर इलाज नहीं मिलने से स्थिति और खराब हो गई।
रिसर्च में यह भी बताया गया कि वैक्सीन ने देश में बड़े पैमाने पर संक्रमण को फैलने से रोका और मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित किया। लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहों के चलते लोग वैक्सीन को ही जिम्मेदार मान रहे थे, जिसका वैज्ञानिक आधार नहीं है।
In the past month alone, in just one district of Hassan, more than twenty people have died due to heart attacks. The government is taking this matter very seriously. To identify the exact cause of these series of deaths and to find solutions, a committee of experts has been…
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) July 1, 2025
कर्नाटक सरकार ने क्यों जताई चिंता?
मई-जून 2025 के दौरान, हासन ज़िले में अचानक 20 से अधिक युवाओं और अधेड़ों की मौत के बाद राज्य सरकार के कान खड़े हो गए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तुरंत एक जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए, जिसकी अगुवाई जयदेव इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज़ एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. केएस रविंद्रनाथ को सौंपी गई। समिति को 10 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।
सिद्धारमैया ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा कि पूरी दुनिया में हुए शोध यह बताते हैं कि वैक्सीन से कुछ मामलों में जटिलताएं देखी गई हैं, और भारत में जिस तेजी से इमरजेंसी परमिशन के तहत वैक्सीन लगाई गई थी, उस पर पुनर्विचार जरूरी है। उनके इस बयान ने राजनीतिक और चिकित्सा जगत में नई बहस छेड़ दी।
हासन में हार्ट अटैक के आंकड़े
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में हासन जिले में 507 हार्ट अटैक के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 190 लोगों की जान चली गई। इन मौतों की समय-सीमा और वैक्सीन की डोज़ के बीच कोई सीधा पैटर्न नहीं पाया गया है, जिससे विशेषज्ञों का यह मानना और मजबूत हो गया है कि मौतों का कारण वैक्सीन नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य कारण हैं।
वैक्सीनेशन अभियान का पूरा ब्यौरा
कर्नाटक में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी 2021 से हुई थी। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया। इसके बाद 45 साल से ऊपर की उम्र के लोगों और फिर 18-44 आयु वर्ग के नागरिकों को वैक्सीन दी गई। कोविशील्ड और को-वैक्सीन राज्य भर में प्रमुख वैक्सीन रहीं।
सरकारी और निजी अस्पतालों में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर्स और CoWIN पोर्टल या CoWIN Kar मोबाइल ऐप के ज़रिए लोगों को स्लॉट दिया जाता था। वैक्सीन स्टोरेज और वितरण की व्यवस्था बेंगलुरु, बेलगावी, मैसूरु, कलबुर्गी, दक्षिण कन्नड़, बगलकोट और चित्रदुर्ग जैसे ज़िलों में की गई थी।