खौफनाक तरीके से लिया था बेटे की मौत का बदला, 7 रिश्तेदारों को बेरहमी से मार डाला
punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 07:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे जिले के दौंड तालुका में जनवरी 2023 में सामने आई सात लोगों की सामूहिक हत्या की वारदात ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। यह दिल दहला देने वाला मामला तब उजागर हुआ जब भीमा नदी से एक-एक कर सात शव बरामद किए गए। इस हत्या कांड के पीछे का कारण बदले की भावना बताया जा रहा है, जिसमें मृतकों के ही रिश्तेदारों की संलिप्तता सामने आई है। वहीं, अब विशेष सरकारी वकील शिशिर हिरय ने जानकारी दी कि इस मामले की सुनवाई बारामती कोर्ट में होने वाली है और जल्द ही ट्रायल शुरू होगा।
एक-एक कर मिले शव
18 जनवरी 2023 को परगांव गांव के पास भीमा नदी में एक अज्ञात महिला का शव मिलने के बाद यवत पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। दो दिन बाद, 20 जनवरी को उसी स्थान पर एक पुरुष का शव बरामद हुआ। 22 जनवरी को दो और शव मिलने के बाद पुलिस की जांच ने तेजी पकड़ी। महिला के पास मिले मोबाइल फोन के आधार पर उसकी पहचान बीड जिले के गेवराई निवासी 40 वर्षीय संगीता मोहन पवार के रूप में हुई। इसके बाद मिले शवों की पहचान संगीता के पति मोहन पवार (45), दामाद शमराव फुलवारे (28), और बेटी रानी फुलवारे (24) के रूप में की गई। शमराव और रानी, उस्मानाबाद जिले के वाशी तालुका के हाटोले गांव के निवासी थे।
तीन मासूम भी बने शिकार
रानी और शमराव के तीन बच्चे - रितेश, छोटू और कृष्णा लापता थे। 24 जनवरी को तलाशी अभियान के दौरान पुलिस को इनके शव भी नदी से मिले। इस तरह मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई। पुलिस जांच में सामने आया कि इस जघन्य हत्याकांड के पीछे परिवार के ही कुछ रिश्तेदार शामिल थे। आरोप है कि मोहन पवार के रिश्तेदार अशोक पवार को शक था कि उसके बेटे धनंजय की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के पीछे मोहन और उसके बेटे अनिल का हाथ था। इस संदेह ने उसे इतना अंधा कर दिया कि उसने पूरा परिवार खत्म करने की साजिश रच डाली। मोबाइल फोन की लोकेशन के जरिए पुलिस ने पाया कि मृतकों और आरोपियों के मोबाइल 17 और 18 जनवरी को एक ही स्थान निघोज और शिरूर में सक्रिय थे, जिससे आरोपियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही
पुलिस के मुताबिक, सभी पीड़ितों की गला घोंटकर हत्या की गई और फिर उनके शव नदी में फेंक दिए गए ताकि यह मामला आत्महत्या या दुर्घटना लगे। इस सनसनीखेज हत्याकांड में अशोक पवार, शाम पवार, शंकर पवार, प्रकाश पवार और कांताबाई जाधव को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, एक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश कर सुधार गृह भेज दिया गया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में शुरुआत में खुद को निर्दोष बताया, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों ने उनकी पोल खोल दी।