Software Engineer Sadhvi: 32 लाख का पैकेज छोड़ साध्वी बनेंगी सॉफ्टवेयर इंजीनियर...3 दिसंबर को लेंगी जैन धर्म की दीक्षा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 12:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के ब्यावर की रहने वाली 28 वर्षीय हर्षाली कोठारी ने सांसारिक जीवन और 32 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज को त्यागकर जैन साध्वी बनने का फैसला लिया है। बेंगलुरु की एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करते हुए हर्षाली को सालाना 32 लाख रुपये का पैकेज मिलता था। लेकिन अब वह 2 दिसंबर, 2024 को जैन धर्म की दीक्षा लेंगी। 

जीवन का नया अध्याय
हर्षाली का झुकाव बचपन से ही धर्म और अध्यात्म की ओर था। अपने व्यस्त करियर के बावजूद, वे आंतरिक शांति और मोक्ष की तलाश में थीं। उनका कहना है कि जीवन का असली उद्देश्य सांसारिक मोह-माया से परे है।

दीक्षा समारोह
दीक्षा का कार्यक्रम बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें जैन मुनियों और साध्वियों की उपस्थिति होगी। इस दौरान हर्षाली सांसारिक संपत्ति, रिश्ते और भौतिक सुखों का त्याग करेंगी।
 
हर्षाली 2 दिसंबर को ब्यावर में आचार्य रामलाल जी महाराज के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण करेंगी। दीक्षा से पहले अजमेर में उनकी बुआ के घर से वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें जैन समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए और हर्षाली का अभिनंदन किया।

कोविड-19 के दौरान मिली प्रेरणा
हर्षाली ने बताया कि चार साल पहले, कोविड-19 महामारी के दौरान, वह आचार्य रामलाल जी महाराज के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। इस दौरान जैन परंपराओं और संयमित जीवन से वह इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने सांसारिक मोह-माया को त्यागने का निश्चय किया।

तीन भाइयों की इकलौती बहन हर्षाली के इस निर्णय से उनके माता-पिता भावुक हैं। उनकी मां, ऊषा कोठारी ने बताया कि बेटी का निर्णय उनके लिए कठिन था, लेकिन गुरुजनों की प्रेरणा और संयमित जीवन के महत्व को देखते हुए उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। अजमेर की महावीर कॉलोनी से निकाले गए वरघोड़ा में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए। इस अवसर पर हर्षाली ने आशीर्वाद लिया और अपने निर्णय के पीछे संयमित जीवन का मार्ग अपनाने की प्रेरणा साझा की।

संयमित जीवन की राह पर पहला कदम
हर्षाली का कहना है कि सांसारिक सुख-दुख और भौतिकता से दूर रहकर जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझना ही संयम मार्ग का लक्ष्य है। दीक्षा के बाद वह अपने जीवन को पूरी तरह साध्वी के रूप में बिताने का संकल्प ले चुकी हैं। इस निर्णय ने न केवल उनके परिवार को भावुक किया है, बल्कि जैन समाज में भी प्रेरणा और प्रशंसा का माहौल बनाया है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Related News