''2029 तक ₹3 लाख करोड़ रक्षा उत्पादन का लक्ष्य'', राजनाथ सिंह बोले- भारत बनेगा रक्षा निर्यात में वैश्विक शक्ति
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 05:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस साल देश का रक्षा उत्पादन ₹1.6 लाख करोड़ को पार कर जाएगा। वे Defence Conclave 2025- Force of the Future कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसका आयोजन The Week द्वारा किया गया।
रक्षा उत्पादन का बड़ा लक्ष्य
राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि 2029 तक भारत में ₹3 लाख करोड़ के रक्षा उपकरण बनाए जाएं।" यह सिर्फ संख्या का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी सोच का हिस्सा है, जिसमें भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक हब बनाना शामिल है।
शक्ति का संतुलन, टकराव नहीं
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की बढ़ती सैन्य ताकत किसी देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए है।
राजनाथ सिंह बोले, "हमारी शक्ति एक विश्वसनीय प्रतिरोधक (credible deterrent) है। शांति तभी संभव है, जब हम मजबूत हों।"
निर्यात और आत्मनिर्भरता दोनों बढ़ रहे
भारत का रक्षा निर्यात भी अब लगातार बढ़ रहा है।
-सरकार का लक्ष्य है कि: 2025 तक रक्षा निर्यात ₹30,000 करोड़ तक पहुंचे
-2029 तक यह बढ़कर ₹50,000 करोड़ हो जाए
-इससे भारत वैश्विक रक्षा सप्लाई चेन में एक अहम भागीदार बन सकेगा।
पुराने ढांचे में नया सुधार
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सबसे पुरानी संस्था ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड का पुनर्गठन एक बड़ी उपलब्धि रही है। अब ये फैक्ट्रियां मुनाफा कमा रही हैं और पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हो गई हैं। उन्होंने कहा, "200 साल पुराने ढांचे में सुधार करना इस सदी का सबसे बड़ा रिफॉर्म है।"
‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती
रक्षा मंत्रालय ने अब तक 5 नकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियाँ (Positive Indigenisation Lists) जारी की हैं:
सशस्त्र बलों की सूची में 509 रक्षा उपकरण
रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) की सूची में 5,012 आइटम्स
इन सभी वस्तुओं का निर्माण अब भारत में ही किया जाएगा।
75% बजट भारतीय कंपनियों के लिए
सरकार ने यह तय किया है कि रक्षा खरीद के पूंजीगत बजट का 75% हिस्सा केवल भारतीय कंपनियों के लिए आरक्षित रहेगा। इससे न सिर्फ घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि विदेशी आपूर्ति की निर्भरता भी कम होगी।
युद्ध का भविष्य: साइबर और स्पेस युद्ध
राजनाथ सिंह ने आगाह किया कि भविष्य में युद्ध और भी खतरनाक, जटिल और बहु-आयामी (multi-dimensional) होंगे। अब सिर्फ बंदूक और मिसाइल नहीं, बल्कि साइबर अटैक, स्पेस वॉर और नैरेटिव वॉरफेयर भी युद्ध का हिस्सा बन चुके हैं।
सोच में बदलाव: आयातक से उत्पादक बने भारत
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि पहले भारत केवल रक्षा उपकरणों का खरीदार था, लेकिन अब वह निर्माता देश बन चुका है। "सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हमने वह सोच बदल दी है कि रक्षा जरूरतों के लिए सिर्फ विदेशों पर निर्भर रहना है।"