नहीं रहे पद्मश्री अवॉर्डी डांसर कनक राजू, पीएम मोदी ने जाहिर किया दुख
punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2024 - 12:19 PM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2024_10image_12_17_484869512dancer.jpg)
नेशनल डेस्क. आदिवासी लोक नृत्य के मशहूर कलाकार कनक राजू का निधन हो गया है। इन्हें जातीय नृत्य गुसाड़ी को लोकप्रिय बनाने के लिए पद्मश्री अवॉर्ड मिला था। कनक राजू ने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, कनक राजू लंबे समय से बीमारी से ग्रसित थे और उनका निधन शुक्रवार की शाम को हुआ। कनक राजू का अंतिम संस्कार शनिवार को दोपहर में कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले के जैनूर मंडल स्थित उनके पैतृक गांव मरलावई में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- 'गुसाडी नृत्य को संरक्षित करने में उनका समृद्ध योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करेगा। उनके समर्पण और जुनून ने सुनिश्चित किया कि सांस्कृतिक विरासत के महत्वपूर्ण पहलू अपने प्रामाणिक रूप में पनप सकें। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।
Saddened by the passing of Shri Kanaka Raju Ji, a prolific dancer and cultural icon. His rich contribution to preserving Gussadi dance will always motivate the coming generations. His dedication and passion ensured that important aspects of cultural heritage can flourish in their… pic.twitter.com/RAu3C8v4d1
— Narendra Modi (@narendramodi) October 26, 2024
राष्ट्रपति से मिला था पद्मश्री अवॉर्ड
कनक राजू तेलंगाना के प्रसिद्ध डांसर थे, उन्होंने 6 दशक से अधिक समय तक गुसाड़ी नृत्य का अभ्यास किया। वह राज गोंड जनजाति के पारंपरिक नृत्य में विशेष रूप से माहिर थे। इस अद्भुत परंपरा को संरक्षित रखने के लिए उन्होंने 40 साल तक मेहनत की और युवा पीढ़ी को इस कला का प्रशिक्षण देते रहे। कनक राजू का योगदान हजारों आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण था, जिन्होंने प्राचीन नृत्य कला की रक्षा और शिक्षा में उनकी मदद की। इसी के लिए उन्हें 2021 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति भवन में दिया गया था, जो उनके काम की मान्यता है।
पद्मश्री अवॉर्ड मिलने पर डांसर कनक राजू ने कहा था- 'यह पुरस्कार मुझे क्यों मिला नहीं पता लेकिन मैं खुश हूं कि दिल्ली में मेरे नाम पर विचार किया गया। मुझे बहुत खुशी होगी कि अगर सरकार मेरी बाकी बची जिंदगी के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था कर सकें। अगर यह पुरस्कार मुझे खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करेगा तो मुझे बहुत खुशी होगी।'