पीएम मोदी ने किए 103 'अमृत भारत' रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन, देखें राजस्थान के 8 स्टेशनों की झलक
punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 11:55 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानि 22 मई को राजस्थान से एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बने। उन्होंने 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 103 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन किया। ये सभी स्टेशन 'अमृत भारत स्टेशन योजना' का हिस्सा हैं। इनका मुख्य लक्ष्य भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाना है। इस योजना के तहत देश भर में 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं और स्थानीय वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए आधुनिक परिवहन केंद्रों में बदला जाएगा।
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1. घणो चोखो लाग रियो है!
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) May 20, 2025
Rajasthan🚉 Amrit Stations: Bundi, Deshnoke, Fatehpur Shekhawati, Gogameri, Govindgarh, Mandal Garh, Mandawar Mahuwa Road, Rajgarh. pic.twitter.com/lz8tgxRN12
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1100 करोड़ की लागत से किया 86 जिलों में स्टेशनों का कायाकल्प-
लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किए गए ये 103 स्टेशन कुल 86 जिलों में फैले हुए हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के छोटे-बड़े, सभी प्रकार के स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों को बेहतर यात्री सुविधाएं, दिव्यांगजनों के लिए सुगमता और स्थानीय संस्कृति से जुड़े डिजाइन के साथ अपग्रेड किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है।
नई ट्रेन को हरी झंडी और कई रेल परियोजनाओं की सौगात-
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने नई बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही, उन्होंने 58 किलोमीटर लंबी चूरू-सादुलपुर रेल लाइन की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) और समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) सहित कई प्रमुख रेलवे खंडों के विद्युतीकरण परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
वहीं पीएम ने 4850 करोड़ रुपये की लागत वाली 7 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से न केवल सैन्य गतिशीलता में सुधार होगा, बल्कि संबंधित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कदम देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।