वायरल टैस्ट में खुली पाक की पोल , फोन से सस्ते मिल रहे हैं खतरनाक हथियार

punjabkesari.in Thursday, Nov 29, 2018 - 04:20 PM (IST)

इस्लामाबादः अपनी सुरक्षा के लिए एक रिवॉल्वर खरीदनी हो तो  लाइसेंस के लिए पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटने पड़ते हैं। और लाइसेंस मिल भी गया तो एक  एक अच्छा रिवाल्वर खरीदने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन एक  देश ऐसा भी है, जहां मोबाइल फोन की कीमत में  एके-47 राइफल मिल सकती है। और ये देश है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान। इस बारें में एक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर की हकीकत का पता लगाने के लिए एक निजी न्यूज चैनल द्वारा वायरल टेस्ट किया गया जिसके मुताबिक पाकिस्तान के पेशावर शहर से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर एक ऐसा इलाका है, जहां आपको दुनिया की किसी भी बंदूक का मॉडल मिल जाएगा। यह दुनिया की सबसे सस्ती हथियारों की मंडी है। यहां पुलिस भी जाने से डरती है । इस जगह का नाम है दर्रा आदमखेल। यह छोटा सा शहर पहाड़ों के बीच बसा है, जहां पर हथियारों की मशहूर मंडी लगती है।  यहां ऑटोमेटिक और खतरनाक हथियार कौड़ियों के भाव बिकते हैं। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर में ये एक कबाइली कस्बा है, यहां चप्पे-चप्पे पर हथियारों की दुकाने हैं और घर-घर में हथियार बनाने का काम होता है।

PunjabKesariयहां बड़े से बड़े हथियार और छोटी से छोटी पिस्टल सिर्फ 4500 से 14000 पाकिस्तानी रुपए में मिल जाते  हैं।  यहां बनी रूस की एके-47 हो या बुल्गारिया की एमपी-5 की हू-ब-हू कॉपी महज 14 हजार पाकिस्तान रुपए में मिल जाती हैं। दर्रा आदमखेल के कारीगर रूसी, तुर्की और बुल्गारिया के हथियारों की टू-कॉपी बनाने में माहिर हैं।  इतना ही नहीं, ये हथियार एक साल की गारंटी के साथ बेचे जाते हैं। यहां के कारीगरों का दावा है कि उनके बनाए हथियार शानदार चलते हैं।पाकिस्तान के एक हथियार कारीगर गुल खिताब दावा करते हैं कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में 10 हज़ार गन बेची है जिनमें अभी तक कोई शिकायत नहीं आई।

PunjabKesari बता दें कि पाकिस्तान में स्मार्ट फोन से भी सस्ते रेट पर बिक रही बुल्गारिया की एमपी-5 गन को अमेरिका की एफबीआई स्वैट टीम इस्तेमाल करती है। गुल की बनाई बुल्गारिया की एमपी-5 गन महज 7 हज़ार रुपए में मिलती है, वो भी एक साल की गारंटी के साथ। पाकिस्तान के दर्रा आदमखेल में हथियारों का कारोबार कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। हथियार बनाने का काम इस कस्बे में साल 1980 के बाद तेज़ी से बढ़ा। यहीं से हथियार खरीदकर मुजाहिद्दीन सोवियत संघ के खिलाफ अफगानिस्तान में जंग लड़ते थे। नवाज़ शरीफ की सरकार के वक्त हर जगह चेक प्वाइंट्स बना दिए गए थे, जिससे इस बिजनेस पर काफी असर पड़ा था। ये इलाका पाकिस्तान में तालिबान का गढ़ माना जाता है। यहां कबाइली शासन चलता है।सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह खबर सही पाई गई है। 


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Tanuja

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