आरक्षण की मांग पर गुर्जरों का हठ योग पटरी पर, दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन ब्लॉक
punjabkesari.in Sunday, Nov 01, 2020 - 05:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राजस्थान में गुर्जर आरक्षण के लिए आंदोलन पर गुर्जर समाज के लोग दो धड़ों में बंट जाने से इस मामले में गुर्जरों के एक गुट की राज्य सरकार के साथ उनकी मांगों के कई बिन्दुओं पर सहमति बनने के बावजूद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के लोग भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा में जुटे हैं। राज्य सरकार ने गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर के नेतृत्व में आये 41 गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से शनिवार रात वार्ता की और उनकी मांगों के 14 बिंदुओं पर सहमति बनी लेकिन कर्नल बैंसला इस बातचीत में शामिल नहीं हुए। इसके बाद अपराह्न में बैंसला पीलूपुरा शहीद स्थल पर सभा करने के लिए पहुंचे।
Rajasthan: Members of Gurjar Community block railway track in Bharatpur as part of their agitation demanding reservation. pic.twitter.com/UDEBiVFYSw
— ANI (@ANI) November 1, 2020
बताया जा रहा है कि बैंसला ने मौके पर जुटे समाज के लोगों से कहा कि सरकार के साथ शनिवार को समाज के लोगों के साथ वार्ता हुई और खेल मंत्री अशोक चांदना से बात करके जानना चाहिए कि सरकार ने उनके लिए क्या किया हैं। इसके बाद सरकार की तरफ खेल चांदना पीलूपुरा के लिए रवाना हो गये हैं और वह गुर्जरों को सरकार द्वारा पूरी की गई उनके मांगों के बारे में बतायेंगे। इस बीच समाज के कुछ लोग रेल पटरी पर पहुंच गये। हालांकि बैंसला ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। आंदोलन के मद्देनजर रेल मार्ग पर फिलहाल रेलों का आवागमन रोक दिया गया हैं।
इसी तरह गुर्जरों ने बयाना-हिंडौन मार्ग पर एकत्रित होकर जाम लगा देने के समाचार हैं। इन लोगों का कहना है कि चांदना के आने तक वे सड़क मार्ग पर बैठे रहेंगे। आंदोलन के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू है। जिला कलेक्टर नथमल डिडेल तथा अन्य आला अधिकारी बयाना में डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। सरकार ने आंदोलन के मद्देनजर पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा चुकी हैं और जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए बयाना में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा एवं पुलिस बल तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के नेतृत्व में 41 लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता करने के बाद 14 बिंदुओं पर सहमति बनी। जिसमें गुर्जरों से जुड़ी भर्तियों, आंदोलन में मारे गए तीन लोगों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा, आंदोलन में लगे मुकदमे वापस लेने आदि शामिल हैं। इस वार्ता में चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा एवं चांदना मौजूद थे।