भूजल संरक्षण हरियाणा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल

punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2023 - 05:49 PM (IST)




चंडीगढ़, 21 जनवरी - (अर्चना सेठी) हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज हमें अधिक से अधिक भूजल संरक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अपने प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करना होगा। इस काम के लिए सरकार भी आगे आई है और इस वर्ष इस कार्य पर 1100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शनिवार को सेक्टर-15ए स्थित जिमखाना क्लब फरीदाबाद में आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब द्वारा शहर के 100 ठप पड़े बोरवेल को पुनर्जीवित करने के अभियान की शुरुआत करते हुए पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि फरीदाबाद शहर में बड़ी संख्या में बोरवेल हैं जो भूजल स्तर नीचे जाने की वजह से ठप हो गए हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि काफी समय पहले यह मामला संज्ञान में आया तो इसके लिए एक्स्पर्ट एजेंसी तलाशने के लिए कहा गया। काफी तलाश करने पर सामने आया कि महाराष्ट्र में कुछ लोग ठप पड़े बोरवैल को पुर्नजीवित करने पर काम कर रहे हैं। इसके बाद इन लोगों से संपर्क किया गया और आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब द्वारा इस पूरे काम का ज़िम्मा लिया गया। इसके बाद अब फरीदाबाद शहर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है और शुरूआत में 100 बोरवैल इसके तहत पुर्नजीवित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके प्रतिवर्ष छह से आठ लीटर पेयजल आम लोगों को मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में एक बोरवेल में 50 हजार रुपये का खर्च आएगा। इसे रोटरी क्लब व आवाज फाउंडेशन मिलकर खर्च करेंगे।  


पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत फरीदाबाद में करने के बाद इसे धीरे-धीरे अन्य संगठनों व औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई जिले प्रदेश में ऐसे हैं जहां भूजल स्तर उपर आने से दिक्कत आई है और यमुना किनारे के जिलों में जलस्तर काफी नीचे गया है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में सरकार आगे आई है। उन्होंने कहा कि घरों के निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। वहीं गांवों में भी अगर कोई किसान अपने खेतों में यह वाटर रिचार्ज बोर सिस्टम लगाना चाहता है तो सरकार उसे 75 प्रतिशत तक सब्सीडी दे रही है। उन्होंने कहा कि चाहे किसान हो या सरकार जब तक हम एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह कार्य नहीं करेंगे इस गंभीर विषय को आगे नहीं बढ़ा सकते।


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News Editor

Archna Sethi

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