Watch Pics: यहां कब्र में जिंदा लेटते हैं लोग, रूहानी ताकतें सुनाती हैं सजा
punjabkesari.in Monday, Mar 21, 2016 - 02:25 PM (IST)

इंदौर: मध्यप्रदेश में एक ऐसी जगह है, जहां लोग जिंदा कब्र में लेटते हैं। जहां एक रूहानी ताकत के आगे भूत-प्रेत हाजरी भरते हैं। भूत-प्रेत की बाधा से पीड़ित लोग हुसैन टेकरी आकर गंदे पानी के नाले में नहाते हैं और फिर उसका कीचड़ लपेटकर कब्र में लेट जाते हैं। कहा जाता है कि इससे भूत प्रेत भाग जाते हैं।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि हुसैन टेकरी में हजरत इमाम हुसैन साहब सहित उनके परिवार के 6 लोगों के रोजे हैं। ये स्थान सभी धर्मों के लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। टेकरी के मुतवल्ली, नवाब सरवर अली खान का कहना है कि यहां इमाम साहब के रोजे के बाहर भूत-प्रेत की हाजरी लगती है और उन्हें सजा दी जाती है। यहां प्रेत-बाधा से पीड़ित कोई व्यक्ति जैसे ही रोजे के बाहर बनी जाली के पास आता है, वैसे ही उसका व्यवहार बदल जाता है। कोई अचानक चीखने लगता है, किसी को कंपकंपी छूटने लगती है। कोई झूमने लगता है तो कोई जमीन पर लेटने लगता है। इसके बाद रूहानी ताकत भूत-प्रेत को सजा सुनाती हैं। इनमें से कुछ लोगों को यहां बने नाले में नहाने और कीचड़ लपेटने को कहा जाता है। बताया जा रहा है कि ये हिदायत उनको मिलती है, जिनकी रूह पर गंदे प्रेत का साया लग जाता है। हर किसी को अलग-अलग सजा मिलती है। किसी को अचानक कोई आवाज सुनाई देती है तो किसी के साथ आया व्यक्ति उसे अचानक हिदायत देने लगता है।
गंदे पानी से नहाने पर भागते हैं भूत
नवाब खान के अनुसार टेकरी में एक पाक चश्मा है। आपको बता दें कि इसमें से अपने आप पानी निकला था। इस पाक चश्में के पास कई गुसलखाने बने हैं। इन गुसलखानों का पानी एक गंदे नाले में जाता है।
ये पानी इतना गंदा होता है कि इसे देखते ही उबाई आने लगती है, लेकिन सजा मिलने पर लोग नहाते हैं, कुछ लोग इससे कुल्ला भी करते हैं, बल्कि इसे पीते भी हैं। लेकिन इससे लोग बीमार नहीं होते। इतना ही नहीं कई लोग इसका कीचड़ शरीर पर लपेटकर कब्र के सामान गड्डा खोदकर उसमें लेट जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि ये लोग ऐसा 3, 5, 7 या 21 दिनों तक करते हैं।
होलिका दहन पर लगता है मेला
मुस्लिम समाज का ये एकमात्र ऐसा पाक स्थान है, जहां होली के दिन मेला भरता है। होलिका दहन के बाद यहां होने वाले चेहल्लुम मेले में लाखों लोग शरीक होते हैं। यहां ये मान्यता है कि टेकरी पर होलिका दहन की आग सिर्फ उन लोगों को दिखती है जिन पर किसी प्रेत का साया होता है। जैसे ही उन्हें आग दिखती है लोग उसकी तरफ भागने लगते हैं। इसके बाद उनको प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है।