फिर बढ़ेंगे सोने के दाम, इस देश के फैसले से Gold फिर चढ़ेगा शिखर पर! भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ेगा असर

punjabkesari.in Sunday, Nov 02, 2025 - 10:57 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सोने के वैश्विक बाजार में एक बार फिर तेजी के संकेत दिखने लगे हैं। दरअसल, चीन ने अपने देश में सोने पर दी जा रही वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) की पुरानी छूट को समाप्त करने का फैसला किया है। चीन के वित्त मंत्रालय के नए नियम 1 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गए हैं। इस फैसले का असर न केवल चीन बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया के सोने के बाजार पर पड़ने वाला है।

चीन में बढ़ेंगी सोने की कीमतें

नए नियमों के तहत, अब खुदरा विक्रेता शंघाई गोल्ड एक्सचेंज (SGE) से खरीदे गए सोने पर टैक्स छूट का लाभ नहीं ले पाएंगे। यह नियम सोने की उच्च शुद्धता वाली छड़ों, सिक्कों, गहनों और औद्योगिक उपयोग में आने वाले सोने, सभी पर लागू होगा। इस बदलाव से चीन में सोने की खुदरा कीमतें 3% से 5% तक बढ़ सकती हैं। इससे चीन में सोने की मांग में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।

वैश्विक बुलियन मार्केट में हलचल

चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। ऐसे में वहां टैक्स बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट (Bullion Market) में तुरंत प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि टैक्स छूट खत्म होने से घरेलू मांग घटेगी, लेकिन इसकी भरपाई वैश्विक बाजार में कीमतों में वृद्धि के रूप में होगी।

सोने के वायदा (Futures) और स्पॉट मार्केट (Spot Market) में आने वाले हफ्तों में तेजी देखी जा सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर चीन में उपभोक्ता मांग घटती है तो निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) के रूप में अपनाएंगे, जिससे कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।

भारत पर असर: 3-5% तक महंगा हो सकता है सोना

भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है, इस फैसले से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगा। भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दरों से जुड़ी होती हैं। यदि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें बढ़ती हैं तो भारत में भी सोने के रेट 3% से 5% तक बढ़ सकते हैं। इससे ज्वेलरी कारोबार पर असर पड़ सकता है, क्योंकि महंगे सोने से उपभोक्ताओं की खरीदारी घटेगी। त्योहारों और शादी के सीजन में ज्वेलरी विक्रेताओं की बिक्री पर दबाव बढ़ने की संभावना है।

अर्थव्यवस्था और राजस्व रणनीति से जुड़ा कदम

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन का यह फैसला उसकी कमजोर होती अर्थव्यवस्था और राजस्व बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। हाल के महीनों में चीन की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ी है, और सरकार टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाश रही है।


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Content Writer

Pardeep

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