Gold: सावधान! सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकता है भारी नुकसान
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 05:59 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में त्योहारों का सीजन शुरू होते ही सोने की खरीददारी में तेजी आ जाती है। इस दौरान लोग गहनों और गोल्ड बिस्किट में निवेश करने लगते हैं, लेकिन बिना सावधानी के यह निवेश भारी नुकसान का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हॉलमार्क, शुद्धता, लेटेस्ट रेट और मेकिंग चार्ज जैसी छोटी-छोटी जानकारियों पर ध्यान नहीं देने से खरीदारों को चौंकाने वाले नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
हॉलमार्क जरूर चेक करें
सोने के गहनों में हॉलमार्क होना अनिवार्य है। हॉलमार्क में पांच महत्वपूर्ण निशान होते हैं, जिनमें भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो, सोने की शुद्धता और एक यूनिक HUID नंबर शामिल होता है। बिना हॉलमार्क के सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है।
सोने की शुद्धता जांचें
सोने की शुद्धता कैरेट (K) में मापी जाती है। 24 कैरेट (99.9%) सबसे शुद्ध माना जाता है, जबकि ज्यादातर गहने 22 कैरेट के होते हैं। सिक्के और बिस्किट आमतौर पर 24 कैरेट के मिलते हैं। सरकार ने 18 और 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी को भी मान्यता दी है।
लेटेस्ट गोल्ड रेट जानें
सोने की कीमतें रोज बदलती रहती हैं। इसलिए दुकान पर जाने से पहले अपने शहर में 22K और 24K सोने की दर जरूर चेक करें। अगर आपको लगता है कि भाव जल्द बढ़ सकता है, तो आप ज्वैलर से एडवांस देकर तय दिन पर गहने खरीद सकते हैं।
मेकिंग चार्ज समझें
मेकिंग चार्ज वह लागत होती है, जो गहने बनाने में लगती है। सरल डिजाइन का मेकिंग चार्ज कम होता है। यह शुल्क प्रति ग्राम या सोने की कीमत का प्रतिशत हो सकता है। त्योहारों के दौरान कई ज्वैलर्स इसे कम या माफ भी कर देते हैं।
वेस्टेज चार्ज की जानकारी लें
गहने बनाने के दौरान सोने की थोड़ी मात्रा खो जाती है, जिसे वेस्टेज चार्ज कहते हैं। कुछ ज्वैलर्स इसे मेकिंग चार्ज में शामिल करते हैं, जबकि कुछ अलग से लेते हैं। खरीद से पहले यह स्पष्ट कर लें।
GST की जानकारी रखें
सोने की कुल कीमत पर 3% GST लागू होता है। उदाहरण के लिए, ₹1,00,000 के गहनों पर ₹3,000 GST लगेगा। यह दर सभी प्रकार के गोल्ड पर लागू होती है, चाहे वह ज्वेलरी हो या गोल्ड बिस्किट।
बाय-बैक पॉलिसी जानें
भविष्य में पुराने गहनों को नए गहनों में बदलने या बेचने की योजना है, तो ज्वैलर की बाय-बैक पॉलिसी जरूर जान लें। इससे सही मूल्य मिलेगा और अतिरिक्त कटौती से बचा जा सकेगा।
डिटेल बिल लें
बिल में सोने की शुद्धता (कैरेट और फाइननेस), वजन, मेकिंग चार्ज, GST राशि और HUID नंबर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। यह भविष्य में एक्सचेंज या बिक्री के लिए बेहद काम आता है।