Gold Returns: सोने ने 20 साल में सबको पीछे छोड़ा, शेयर और रियल एस्टेट से भी बेहतर रिटर्न

punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 09:47 AM (IST)

 नई दिल्ली: लंबे समय तक निवेश करने वालों के लिए सोना सबसे लाभदायक संपत्ति साबित हुआ है। FundsIndia की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 साल में सोने ने मुद्रास्फीति के समायोजित वार्षिक रिटर्न (CAGR) के लिहाज से भारतीय शेयर बाजार और रियल एस्टेट को पीछे छोड़ दिया है।

सोने की चमक

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय शेयरों (Nifty 50 TRI) ने 20 साल में औसतन 13.5 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया, जबकि सोने में यह दर 15 प्रतिशत रही। वहीं, रियल एस्टेट में CAGR केवल 7.8 प्रतिशत और डेब्ट में 7.6 प्रतिशत रहा।

G. Chokkalingam, Equinomics Research के फाउंडर और हेड ऑफ रिसर्च का कहना है, “सेंट्रल बैंक की बढ़ती खरीद, मुद्रा के अवमूल्यन और वैश्विक भू-राजनीतिक चिंताओं ने सोने की कीमत को ऊंचा बनाए रखा। रिटेल निवेशकों के लिए सोना हमेशा सुरक्षित निवेश का विकल्प रहा है।”

छोटे और मिडकैप्स ने भी बढ़ाई दौड़

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 20 साल के कालखंड में मिडकैप्स (Nifty Midcap 150 TRI) ने 16.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप्स (Nifty Smallcap 250 TRI) ने 14.3 प्रतिशत CAGR दिया, जो बड़े कैप्स (Nifty 100 TRI – 13.8%) से बेहतर रहा। Chokkalingam ने कहा, “10 साल पहले रिटेल निवेशक लगभग 60 मिलियन थे, जो अब 200 मिलियन से अधिक हो गए हैं। आर्थिक विकास के चलते छोटे और मिडकैप कंपनियों ने बड़े कैप्स को पीछे छोड़ा।”

सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं

FundsIndia की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में सोने ने और भी बेहतर प्रदर्शन किया है। सोने का CAGR 23.2 प्रतिशत रहा, जबकि भारतीय शेयर 16.5 प्रतिशत और अमेरिकी शेयर (S&P 500 TRI) 19.6 प्रतिशत पर रहे।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल भी सोने की कीमतें सुरक्षित निवेश और भू-राजनीतिक जोखिमों की वजह से बढ़ सकती हैं। UK स्थित The Gold Bullion Company के मैनेजिंग डायरेक्टर Rick Kanda का कहना है, “2026 के अंत तक सोने की कीमत $5,000 प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच सकती है। वैश्विक केंद्रीय बैंक की लगातार खरीद इस रुझान को बनाए रखेगी। यदि मुद्रास्फीति और अनिश्चितता जारी रहती है, तो सोने की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है।”

 


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Content Editor

Anu Malhotra

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