पहले घोषणा करो, फिर सोचो: चंडीगढ़ विधेयक को शीत सत्र में न लाने के केंद्र के बयान पर कांग्रेस का तंज

punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 11:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस बयान को लेकर केंद्र सरकार पर रविवार को निशाना साधा कि उसका संसद के शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ पर प्रस्तावित विधेयक लाने का कोई इरादा नहीं है। पार्टी ने दावा किया कि यह बयान शासन के प्रति उसके “पहले घोषणा करो, फिर सोचो” वाले रवैये का एक और उदाहरण है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कल ही आगामी शीतकालीन सत्र के लिए संसद बुलेटिन में चंडीगढ़ के लिए पूर्णकालिक उपराज्यपाल की नियुक्ति से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पेश करने की बात कही गई थी।

रमेश ने ‘एक्स' पर कहा कि कांग्रेस और पंजाब के अन्य दलों ने इसका तुरंत और आक्रामक तरीके से विरोध किया। पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अब कह रहा है कि उसका शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने का कोई इरादा नहीं है। रमेश ने कहा, “यह शासन के प्रति मोदी सरकार के ‘पहले घोषणा करना, फिर सोचना' वाले दृष्टिकोण का एक और उदाहरण है।” केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उसका संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ पर प्रस्तावित विधेयक लाने का कोई इरादा नहीं है, जिसका उद्देश्य केंद्र के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

मंत्रालय ने कहा कि प्रस्ताव का उद्देश्य चंडीगढ़ और पंजाब एवं हरियाणा के बीच पारंपरिक व्यवस्था को बदलना नहीं है। एक दिन पहले जारी लोकसभा और राज्यसभा बुलेटिन के अनुसार, केंद्र सरकार एक दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करेगी। विधेयक में चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के तहत शामिल करने का प्रावधान है, जिससे राष्ट्रपति को केंद्र-शासित प्रदेश के लिए सीधे नियम-कानून बनाने का अधिकार मिल सकेगा। इसे लेकर पंजाब के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए, सभी हितधारकों के साथ पर्याप्त परामर्श के बाद ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा। इस मामले में किसी भी चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार का संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश करने का कोई इरादा नहीं है।” गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “प्रस्ताव केवल केंद्र-शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए केंद्र सरकार के कानून बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाने से संबंधित है और यह अब भी केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। इस प्रस्ताव पर कोई आखिरी फैसला नहीं लिया गया है।”


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Content Editor

Mansa Devi

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