क्या बदलने वाला है चंडीगढ़ का प्रशासन? पंजाब में मचे सियासी भूचाल पर केंद्र ने दिया जवाब

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 02:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क : संविधान के आर्टिकल 240 को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) समेत विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय ने साफ किया कि चंडीगढ़ के लिए कानून निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाने संबंधी प्रस्ताव अभी केवल विचाराधीन है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस प्रस्ताव का उद्देश्य सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल करना है। इसमें न तो चंडीगढ़ की मौजूदा शासन-व्यवस्था में बदलाव की कोई बात है और न ही पंजाब या हरियाणा के साथ उसके पारंपरिक संबंधों को प्रभावित करने का कोई इरादा। मंत्रालय ने कहा कि चंडीगढ़ के हितों को प्राथमिकता देते हुए सभी संबंधित पक्षों से व्यापक चर्चा के बाद ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में किसी भी प्रकार का बिल लाने की सरकार की योजना नहीं है।

विपक्ष के आरोप: “चंडीगढ़ छीनने की कोशिश”
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब यह खबर आई कि केंद्र सरकार संसद के विंटर सेशन में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025 लाने की तैयारी में है। कहा जा रहा था कि इस प्रस्ताव के जरिए चंडीगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव किया जा सकता है, जिससे पंजाब के दावे और राज्य की राजधानी के साथ उसके ऐतिहासिक जुड़ाव पर प्रभाव पड़ सकता है।

AAP, कांग्रेस और SAD ने आरोप लगाया कि केंद्र पंजाब से चंडीगढ़ “छीनने की कोशिश” कर रही है। विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार चंडीगढ़ को आर्टिकल 240 के तहत अन्य केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव की तरह लाने की योजना बना रही है। हालांकि सरकार ने अब साफ कर दिया है कि न तो ऐसा कोई बिल तैयार है और न ही इसे शीतकालीन सत्र में पेश करने की मंशा है, इसलिए चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है।


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Content Editor

Shubham Anand

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