चंडीगढ़ को लेकर पंजाब में जारी विवाद पर केंद्र सरकार ने दी सफाई
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 03:07 PM (IST)
नेशनल डेस्क। चंडीगढ़ के कानूनी दर्जे (Legal Status) को बदलने की अफवाहों और इससे पंजाब की राजनीति में मचे हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने साफ किया है कि फिलहाल चंडीगढ़ के पारंपरिक संबंधों को बदलने की कोई योजना नहीं है और संसद के आगामी शीतकालीन सत्र (Winter Session) में इस संबंध में कोई बिल पेश करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
चंडीगढ़ की कानूनी स्थिति को बदलने की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपना पक्ष रखा। गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के स्तर पर विचार-अधीन है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यह सबसे महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण था। मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि यह प्रस्ताव किसी भी तरह से चंडीगढ़ की शासन प्रणाली या पंजाब या हरियाणा के चंडीगढ़ के साथ पारंपरिक संबंधों को नहीं बदलेगा।
The proposal only to simplify the Central Government’s law-making process for the Union Territory of Chandigarh is still under consideration with the Central Government. No final decision has been taken on this proposal. The proposal in no way seeks to alter Chandigarh’s…
— PIB - Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 23, 2025
शीतकालीन सत्र में कोई बिल नहीं
गृह मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि इस मुद्दे पर चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि:
"केंद्र सरकार का संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कोई बिल पेश करने का कोई इरादा नहीं है।"
यह भी बताया गया कि चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों (Stakeholders) से उचित परामर्श करने के बाद ही कोई उपयुक्त फैसला लिया जाएगा।
विवाद क्यों उठा था?
दरअसल रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ की कानूनी स्थिति में बदलाव कर सकती है जिससे:
चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में पंजाब के राज्यपाल की शक्तियों में कमी आ सकती है।
यह अटकलें थीं कि चंडीगढ़ में दिल्ली की तरह उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) का पद बनाया जा सकता है।
केंद्र सरकार के इस स्पष्टीकरण से पंजाब और हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में गरमाई बहस फिलहाल शांत होने की उम्मीद है।
