बिहार नतीजों पर BJP का राहुल गांधी पर तीखा तंज, कहा- ''हार भी सोचती होगी कि वे मुझे इतने विश्वास से कैसे ढूंढ लेते हैं''
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 04:42 PM (IST)
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA रिकॉर्ड तोड़ जीत की ओर बढ़ रही है। मतगणना में NDA दो-तिहाई से भी अधिक बहुमत के साथ 208 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिससे उसने 2010 चुनाव का अपना 206 सीटों पर जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। इस ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ते हुए बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन और उसके प्रमुख नेता राहुल गांधी पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब लगातार चुनावी हारों का प्रतीक बन चुके हैं।
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Rahul Gandhi!
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 14, 2025
Another election, another defeat!
If there were awards for electoral consistency, he’d sweep them all.
At this rate, even setbacks must be wondering how he finds them so reliably. pic.twitter.com/y4rH6g62qG
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अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा-
BJP के IT विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा "राहुल गांधी! एक और चुनाव, एक और हार! अगर चुनावी हार में निरंतरता के लिए कोई अवॉर्ड होता, तो वे सारे अवॉर्ड जीत जाते। इनकी इस रफ़्तार को देखकर तो शायद हार भी यह सोच रही होंगी कि वह उन्हें इतने विश्वास से ढूंढ कैसे लेते हैं।"

सुघांशु त्रिवेदी ने ऐसे कसा तंज
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर तंज कसने के लिए महान संत कबीर दास के एक दोहे का सहारा लिया। सुघांशु ने कहा "बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिल्या कोई। जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोई।"उन्होंने कांग्रेस से अपील की कि वे नतीजों की पुष्टि के लिए अपनी Voter List की जांच कर लें। त्रिवेदी ने यह भी दावा किया कि NDA 200 सीटों की ओर बढ़ रहा है।

बिहार में राहुल गांधी की सक्रियता का असर नहीं
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी बेहद सक्रिय नज़र आए थे। उन्होंने राज्य में 16 दिनों की 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाली थी, जिसके तहत उन्होंने 23 जिलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग पर मिलीभगत से 'वोट चोरी' का आरोप लगाते हुए इसे 'संविधान बचाने की लड़ाई' बताया था। हालांकि कांग्रेस और महागठबंधन के प्रमुख प्रचारकों में से एक होने के बावजूद राहुल गांधी की रैलियों और तीखी बयानबाजी का असर वोटों में तब्दील नहीं हो पाया। परिणाम यह है कि कांग्रेस और विपक्षी महागठबंधन एक शर्मनाक हार की ओर बढ़ते दिख रहे हैं।
