कश्मीर में बकरीद पर भी हिंसा, तीन पुलिसर्किमयों और एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या

punjabkesari.in Thursday, Aug 23, 2018 - 12:55 AM (IST)

श्रीनगरः स्थित पुलिस इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ डार के आवास पर उस वक्त उनकी हत्या कर दी जब वह बकरीद मनाने के लिए घर गये थे। डार राज्य पुलिस की विशेष शाखा में काम करते थे और मध्य कश्मीर के बडगाम में तैनात थे।

PunjabKesari

इससे पहले दिन में, दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित कुलगाम जिले में ईद की नमाज के बाद जब प्रशिक्षु पुलिस कांस्टेबल फयाज अहमद शाह घर लौट रहे थे तब आतंकवादियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। शाह (34) जम्मू कश्मीर पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे और उन्हें समय से पूर्व प्रोन्नति देकर कांस्टेबल बनाया गया था। हाल में वह जम्मू के तलवारा में प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे और घर गये थे।

आतंकवादियों ने शाह पर उनके घर के नजदीक करीब से गोली चलाई और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी। शाह की मौत की खबर से उनके गांव जाजरीपोरा में मातम छा गया। शाह के घर पर ईद की खुशियां गम में तब्दील हो गई। उनकी पांच और दो साल की दो नाबालिग बेटियां अचानक बड़ी संख्या में लोगों के घर पर पहुंचने और मां एवं दादी के बार-बार बेहोश हो जाने की बात समझ नहीं पा रही थीं।

PunjabKesari

कुलगाम पुलिस लाइन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरमीत सिंह की अगुवाई में पुलिसर्किमयों ने शाह को श्रद्धांजलि दी। पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने शाह पर हमले को कायराना कृत्य करार दिया है। एक अन्य विशेष पुलिस अधिकारी मोहम्मद याकूब शाह को पुलवामा जिले में गोली मार दी गयी। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) स्वयं प्रकाश पाणि की अगुवाई में पुलिसर्किमयों ने पुलवामा की जिला पुलिस लाईन में शाह को श्रद्धांजलि दी।पुलवामा भी आतंकवाद से प्रभावित है। एक अन्य घटना में कुपवाड़ा में भाजपा कार्यकर्ता शबीर अहमद भट का शव मिला है। बताया जाता है कि कल रात संदिग्ध आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शबीर अहमद भट के शरीर पर गोलियों के निशान हैं और उनका शव कुपवाड़ा के रख-ए-लितर में खेत से बरामद हुआ है। इस घटना पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। शाह ने कहा कि चरमपंथी घाटी के युवकों को अपना बेहतर भविष्य चुनने से नहीं रोक सकते और हिंसा चक्र ज्यादा समय तक नहीं चलेगा।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News