महंगे चालान के खिलाफ चक्का जाम और दबंगई, बीच सड़क-फूटकर कर रोए बुजुर्ग दंपत्ति

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 11:10 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के विरोध में हड़ताल से वीरवार को दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। विशेषकर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से ऑटो व टैक्सी नहीं मिलने और बीच रास्ते में सवारियों को उतारने की कई घटना से आवाजाही प्रभावित हुई। नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के लागू होने के विरोध में हुई हड़ताल का विशेषकर रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर विशेष असर देखने को मिला। ऑटो और टैक्सी के लिए रेलवे स्टेशन और बस अड्डों से टैक्सी व ऑटो के लिए यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। नौकरीपेशा लोगों को भी मनमाना किराया देकर देरी से कार्यालय पहुंचे। 

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दिल्ली मेट्रो और डीटीसी तथा क्लस्टर बसों पर बंद का असर नहीं दिखा। हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले ग्रामीण सेवा संगठन, ई-रिक्शा सहित हल्के मोटर वाहनों को भी प्रदर्शनकारियों की ज्यादती झेलनी पड़ी। नई दिल्ली स्टेशन से गुडग़ांव जाने वाले किशन सिंह ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि ऐप से टैक्सी बुक कराने के बावजूद उसने जाने से इनकार कर दिया। आनंद विहार टर्मिनल पर खड़ी प्रेम लता ने बताया कि टैक्सी के लिए आधा घंटे बीत जाने के बावजूद कोई जाने के लिए तैयार नहीं है। हड़ताल को गुडग़ांव को छोड़कर दिल्ली और नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद असर अधिक दिखा। हड़ताल और देरी होते देख बड़ी संख्या में लिफ्ट मांगते दिखे। हड़ताल से डीटीसी बसों के अलावा मेट्रो में आम दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ दिखाई दी। 

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फूट-फूटकर रोया बुजुर्ग कपल 
निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पुणे से आए एक बुजुर्ग कपल को जबरन टैक्सी से उतार दिया गया। इस दौरान बीमार पति की परेशानी और पुलिस की सुरक्षा नहीं मिलने से नाराज उनकी पत्नी अपनी परेशानी बताते हुए फूट फूटकर रोने लगी। उन्होंने कहा कि बीच रास्ते में उन्हें टैक्सी से उतार दिया गया और वहां से सामान सहित पैदल आना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि धक्का-मुक्की में उनके पति के सिर में चोट आई। 

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ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की यह हैं मांगें

  • केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत जुर्माने की बढ़ोतरी वापस हो।
  • बीमा कंपनियों की एक्सीडेंट क्लेम में तृतीय पक्ष का पूर्ण दायित्व हो।
  • वित्त अधिनियम की धारा 44 ई को तुरंत वापस लें।
  • कमर्शियल वाहनों के चालकों व परिवारों के लिए बीमा सुरक्षा व चिकित्सा सुविधा।
  • दिल्ली में रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट का निजीकरण मंजूर नहीं, फ्री पार्किंग की सुविधा हो। 
     

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vasudha

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