धड़ाधड़ कट रहे चालान, नियम तोड़ने वाले 2060 वाहनों पर हुई कार्रवाई
punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 11:05 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर तीनों जोनों में विशेष कार्रवाई की है। सिंहावलोकन में एसीपी जियालुक अहमद का कहना है कि उक्त दिनों में कुल 2060 वाहन चालकों के खिलाफ चालान काटे गए, जिनमें निम्न उल्लंघन प्रमुख थे:
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7768 सवारियों में हेलमेट न पहनना
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317 वाहन चालकों द्वारा गलत दिशा में वाहन चलाना
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409 वाहनों में तीन सवारी से अधिक लेना
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311 वाहनों पर हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होना
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172 चारपहिया वाहनों में काली फिल्म लगाकर चलना
इस सख्त अभियान से वाहन चालकों में खासी सतर्कता बढ़ी है। पुलिस ने साफ़ कहा है कि ऐसे अभियान जारी रहेंगे ताकि सड़क पर नियमों का कड़ाई से पालन हो।
स्कूल बसों की भी होगी कड़ी जांच
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RTO गाजियाबाद ने जुलाई माह के लिए अनफिट स्कूल वाहनों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है।
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जांच का फोकस: बिना फिटनेस सर्टिफिकेट, बिना परमिट, और मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर।
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प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, शहर में 38 स्कूल बसें अनफिट पाई गई हैं और उन्हें नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
इस अभियान के लिए ज़ोनवार टीमें बनाई गई हैं, जो अनफिट बसों की सूची तैयार कर रही हैं।
पिछले अभियानों का पैनोरमा
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मई-जून अभियान (8 मई – 4 जून) में 37,328 चालान जारी किए गए:
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हेलमेट न पहनने पर 23,941 चालान
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गलत दिशा में चलने पर 4,759 चालान
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अधिक सवारी पर 4,738 चालान
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सीट बेल्ट न पहनने पर 954 चालान
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शराब के नशे में वाहन चलाने पर 236 चालान
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दुकानदारों/व्यापारियों पर भी 422 नोटिस जारी हुए
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इन अभियानों से साफ संदेश गया कि ट्रैफिक नियम उल्लंघन बरदाश्त नहीं किया जाएगा।
अगले कदम और सुझाव
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नियमित निरीक्षण: ट्रैफिक पुलिस और RTO को संयुक्त अभियान सख्ती से चलाने चाहिए।
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जनजागरूकता: हेलमेट, सीट बेल्ट, नंबर प्लेट आदि के नियमों की जानकारी नागरिकों तक पहुँचाई जाए।
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स्कूल वाहनों की सुरक्षा: बसों में speed governor, CCTV, इमरजेंसी अलार्म, फर्स्ट एड बॉक्स जैसी सुरक्षा सुविधाएँ अनिवार्य हों।
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माता-पिता की भूमिका: स्कूल बस के फिटनेस और परमिट की नियमित जानकारी लेकर जिम्मेदारी निभाएं।
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प्रशासनिक सहयोग: स्कूल बसों की अनफिट स्थिति पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने तक के विकल्प अपनाए जाएं।
यह कार्रवाई ट्रैफिक नियमों के प्रति चेतना बढ़ाने और सड़क सुरक्षा सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।