NEET पेपर लीक मामले पर बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान- छात्रों का हित हमारी पहली प्रथामिकता, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 08:39 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को फिर से आयोजित करने की विपक्ष की मांग के बीच शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि गड़बड़ी की छिटपुट घटनाओं से उन लाखों विद्यार्थियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है। प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के कामकाज की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने विपक्षी दलों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की और कहा कि एनटीए के अधिकारियों सहित दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने कहा कि एनटीए की कार्यप्रणाली की समीक्षा और सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन जल्द ही किया जाएगा। जूनियर रिसर्च फेलो, सहायक प्रोफेसर और पीएचडी छात्रों के चयन के लिए आयोजित होने वाली यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द किए जाने को लेकर प्रधान ने कहा कि परीक्षा का पेपर डार्कनेट पर लीक हो गया था। उन्होंने कहा, “हमें अपनी व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए और सरकार किसी भी प्रकार की अनियमितता या कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।”

NEET UG की परीक्षा 2024 पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे। इसके नतीजे 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा किए जाने के कारण नतीजे चार जून को घोषित किए गए। इस परीक्षा में 67 विद्यार्थियों ने शत प्रतिशत (720 में से 720 अंक) प्राप्त किए जो एनटीए के इतिहास में अप्रत्याशित है। इनमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र के छह छात्रों का नाम भी शामिल है, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा होता है। आरोप लगाया गया है कि कृपांक की वजह से 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली है। नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है।

मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध रोक देते हैं, लेकिन पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूजीसी-नेट और नीट-यूजी की परीक्षाओं में कथित पेपर लीक के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं और सरकार चलाने के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध रोक देते हैं, लेकिन पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा भी किया कि शिक्षण संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके मातृत्व संगठन से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस स्थिति को बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे। राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दल संसद के आगामी सत्र में पेपर लीक के मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी जी ने रूस-यूक्रेन के युद्ध को रोक दिया था। इजरायल और गाजा के बीच युद्ध को को रोक दिया था। लेकिन नरेन्द्र मोदी हिंदुस्तान में पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘अगर मैं कहूं तो प्रधानमंत्री मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं। वह मनोवैज्ञानिक रूप से ढह गए हैं और इस तरह सरकार चलाने के लिए संघर्ष करेंगे...मोदी का सरकार चलाने का विचार लोगों में डर पैदा करना, उन्हें डराना और बोलने नहीं देना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में मोदी की मूल अवधारणा नष्ट हो गयी है। अब हमारे पास एक मजबूत विपक्ष है।'' पेपर लीक के मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं दी जाएगी, असमर्थ लोगों को कुलपति बनाया जाएगा और परीक्षा के ढांचे में अपनी विचारधारा के लोगों को डालेंगे तो पेपर लीक होगा। पेपर लीक का कारण है कि भाजपा के मातृत्व संगठन ने पूरे तंत्र को कब्जा कर रखा है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जो संस्थान पहले निष्पक्ष हुआ करते थे, आज एक विचारधारा के साथ चलने लगे हैं तथा इन संस्थानों में असमर्थ लोगों के बैठा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में हुए 'व्यापम' घोटाले को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, "मामले की जांच की जा रही है...जो कोई भी जिम्मेदार है। उन्हे पकड़ा जाना चाहिए।" मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट' को लेकर उपजे विवाद के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा है।


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Content Writer

Yaspal

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