खत्म हुआ 86 साल का सफर, मुंबई की सड़कों पर अब नजर नहीं आएगी डबल डेकर बस 'BEST'
punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2023 - 10:36 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अक्सर फिल्मों, टीवी सीरियल और अन्य किसी प्रोग्राम में आपने माया नगरी सड़कों पर डबल डेकर बसों को दौड़ते देखा होगा। मुंबई की लाइफ लाइन माने जाने वाली डबल डेकर बस (Best) अब याद बनकर रह जाएगी। कई फिल्मों में इस बस को आपने देखा होगा। माया नगरी की पहचान रही डबल डेकर बस बेस्ट (Best) शुक्रवार यानी 15 सितंबर से बंद हो गई।
अंग्रेजों के समय से चल रही ये बसें अब नहीं चलेंगी। मुंबई की पहचान बन चुकीं डबल-डेकर बसें 86 साल से सड़कों पर दौड़ रही थीं। साल 1937 में अंग्रेजों ने मुंबई में पहली डबल-डेकर बस चलाई थी। तभी से ये ट्रांसपोर्ट का एक अहम जरिया बन गई थी। डबल-डेकर बसों के अलावा ओपन-डेक डबल-डेकर बसें भी हैं। पहले इनसे भी यात्री सफर करते थे, लेकिन बाद में इसे टूरिस्ट बस बना दिया था। ओपन-डेक डबल-डेकर बसें 5 अक्टूबर से बंद हो जाएंगी।
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (Best) के एक कर्मचारी गुलाबराव अहेर कहते हैं, “हमारा डबल डेकर बसों से नाता है। यह हमारे परिवार का हिस्सा है और हमें ऐसा लगता है जैसे हमारे परिवार का कोई व्यक्ति हमें छोड़कर जा रहा है।' डबल-डेकर बसें मुंबई का गौरव हैं, और हमें लगता है कि इसे अपनी सेवा जारी रखनी चाहिए।" एक यात्री यतिन आंग्रे कहते हैं, “आज एक भावनात्मक दिन है, हम सभी भावुक हो गए।।। जब मैं बच्चा था तब से मेरे पिता मुझे इस बस से ले जाते थे और मेरे पास डबल-डेकर बस के 2000 से अधिक मॉडल हैं। मैं बेस्ट से इन बसों को संग्रहालय शैली में रखने का अनुरोध करता हूं।"
Best की नॉन एसी डबल डेकर बसों की अपनी अंतिम यात्रा को यादगार बनाने के लिए बस अड्डे पर यात्रियों का सैलाब आ गया। यात्रियों ने बस के साथ अपनी फोटो और सेल्फी ली। कुछ यात्री यादगार के तौर पर बस का मॉडल लेकर आए। Best के कर्मचारियों ने बसों को फूल मालाओं के साथ तैयार कर रवाना किया। कर्मचारियों ने इसकी यादों को संजोकर रखने के लिए सेफ्ली और फोटो भी लीं। बेस्ट को लेकर कई यात्री भावुक भी नजर आए। कुछ यात्री अपने परिवार के साथ बेस्ट में अंतिम यात्रा करने आए।
आनंद महिंद्रा ने की मुंबई पुलिस से शिकायत
वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मालिक और दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने मुंबई पुलिस में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “नमस्ते, मुंबई पुलिस? मैं अपने बचपन की सबसे महत्वपूर्ण यादों में से एक की चोरी की रिपोर्ट करना चाहता हूँ।"
Hello, Mumbai Police? I’d like to report the theft of one of my most important childhood memories. 😞 https://t.co/Lo9QHJBVDW
— anand mahindra (@anandmahindra) September 15, 2023
BEST के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अभी मुंबई में सिर्फ सात डबल-डेकर बसें हैं, जिनमें से तीन ओपन-डेक बस हैं। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से डबल-डेकर और 5 अक्टूबर से ओपन-डेक बसें सड़कों से हट जाएंगी। पर इन्हें बंद क्यों किया जा रहा है? दरअसल, ये बसें डीजल पर चलती हैं। और डीजल वाली गाड़ियों की लाइफ 15 साल होती हैं। इन सात बसों के 15 साल पूरे हो रहे हैं, इसलिए अब इन्हें हटाया जा रहा है।
86 साल से दौड़ रही थीं बसें
मुंबई की पहचान बन चुकीं डबल-डेकर बसें 86 साल से सड़कों पर दौड़ रही थीं। साल 1937 में अंग्रेजों ने मुंबई में पहली डबल-डेकर बस चलाई थी। तभी से ये ट्रांसपोर्ट का एक अहम जरिया बन गई थी। डबल-डेकर बसों के अलावा ओपन-डेक डबल-डेकर बसें भी हैं। पहले इनसे भी यात्री सफर करते थे, लेकिन बाद में इसे टूरिस्ट बस बना दिया था। ओपन-डेक डबल-डेकर बसें 5 अक्टूबर से बंद हो जाएंगी।
मुंबईकरों से जुड़ गई थी डबल-डेकर बसें
मुंबई में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वाले लोगों से ये डबल-डेकर बसें जुड़ गई थीं। यही वजह है कि मुंबईकर इन बसों को संरक्षित रखने की बात कर रहे हैं। कई लोगों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पर्यटन मंत्री और BEST से अपील कि है कि कम से कम दो बसों को अनिक डिपो स्थित म्यूजियम में रखा जाए। यात्रियों का कहना है कि नई इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें आरामदायक जरूर हैं, लेकिन इनमें पुरानी बसों जैसी बात नहीं है। हर्षद जोशी नाम के यात्री ने न्यूज एजेंसी से कहा, 'नई बसें एयर कंडीशन्ड हैं, इसलिए हमें पुरानी बसों में आगे बैठने और खुली खिड़कियों से चेहरे पर आने वाली हवा याद रहेगी।'
'आपली बेस्ट आपल्यासाथी' संगठन के कार्यकारी सिद्धेश म्हात्रे ने कहा, 'मुंबई में सिंगल और डबल-डेकर, दोनों तरह की ट्राम चलती थीं। लेकिन 1964 से ये सड़कों से गायब हो गईं। इनमें से एक को भी संरक्षित नहीं किया गया। बाद में डिस्प्ले के लिए कोलकाता से एक ट्राम लाई गई, लेकिन वो भी खराब हो गई। आखिरकार कुछ साल पहले इसे रिपेयर करवाया गया और बोरीबंदर में डिस्प्ले किया गया
इनकी जगह कौन लेगा?
90 के दशक की शुरुआत में BEST के बेड़े में करीब 900 डबल-डेकर बसें हुआ करती थीं। लेकिन इसके बाद इनकी संख्या घटती गई। चूंकि, डबल-डेकर बसों के रखरखाव और चलाने में खर्चा बहुत आता था, इसलिए साल 2008 से नई बसों को बेड़े में शामिल करना बंद कर दिया गया। अब इन डबल-डेकर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें लेंगी। ये बसें भी डबल-डेकर होंगी और इनका कलर रेड एंड ब्लैक होगा। जबकि, पुरानी डबल-डेकर बसें सिर्फ लाल रंग की ही होती थीं।
BEST ने बताया था कि वो पर्यटकों के लिए जल्द ही ओपन-डेक डबल-डेकर बसें खरीदेगी। और ये भी इलेक्ट्रिक ही होंगी। इसी साल फरवरी से मुंबई की सड़कों पर इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें चलने लगी हैं। अब तक ऐसी 25 बसें हैं। इन इलेक्ट्रिक बसों की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जाती है। जबकि, डीजल वाली एक डबल-डेकर बस पर 30 से 35 लाख रुपये खर्च होते थे।
कैसे शुरू हुआ डबल-डेकर बस का सफर
200 साल पहले पेरिस में घोड़ागाड़ी चलाने वाले स्टेनिस्लास बाउड्री ने ज्यादा सवारी बैठाने के लिए घोड़ागाड़ी को दो मंजिला बना दिया। 1828 में उनकी ये दो मंजिला घोड़ागाड़ी पेरिस की सड़कों पर चलने लगी। दो साल बाद 1830 में ब्रिटेन के गोल्डवर्थी गुरनी और वॉल्टर हैंकॉक ने स्टीम इंजन के साथ बस उतार दी। कुछ साल बाद एक और अंग्रेज जॉर्ज शिलिबर ने ओमनी बस के नाम से लंदन की सड़कों पर डबल-डेकर बसें उतार दीं।
1920 के दशक में पहली बार लंदन की सड़कों पर इंजन से चलने वाली डबल-डेकर बसों को उतारा गया। मुंबई में 1937 से डबल-डेकर बसें चल रहीं हैं। 1970 के दशक में दिल्ली में भी डबल-डेकर बसें चलती थीं, लेकिन 90 के दशक में फुटओवर ब्रिज और पुल की ऊंचाई के कारण इन्हें बंद कर दिया गया। कुछ समय के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में भी डबल-डेकर बसों को चलाया गया। लेकिन ये बाद में बंद हो गईं। हालांकि, कुछ ही साल पहले कोलकाता में कुछ रूट पर डबल-डेकर बसों को शुरू किया गया है।
100 से ज्यादा यात्री बैठ सकते हैं
साल 1937 में मुंबई में जो डबल-डेकर बस चली थी, उसमें एक बार में 58 यात्री सफर कर सकते थे। जबकि, सिंगल-डेकर बसों में 36 यात्री ही सफर कर सकते थे। बढ़ती आबादी और संकरे रास्तों को ध्यान में रखते हुए डबल-डेकर बसें बननी शुरू हुई थीं। इनकी लंबाई 9 से 12 मीटर होती है। इनमें एक बार में 60 से 120 यात्री सफर कर सकते हैं।