पाकिस्तान से सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद PM मोदी का बयान – "अब भारत का पानी, भारत के ही काम आएगा"
punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 09:35 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के फैसले के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब भारत का पानी देश के भीतर ही रहेगा और भारत के लोगों की जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
एक न्यूज़ के कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा:
“पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था... अब भारत का पानी, भारत के हक में बहेगा, भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।”
क्या है सिंधु जल संधि?
यह संधि साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी। इसमें यह तय किया गया था कि सिंधु नदी प्रणाली की 6 प्रमुख नदियों का पानी दोनों देशों में कैसे बंटेगा। भारत को व्यास, रावी और सतलुज नदियों का अधिक हिस्सा मिला था, जबकि झेलम, चिनाब और सिंधु का बहाव पाकिस्तान के हिस्से में था।
संधि क्यों निलंबित की गई?
यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ बताया गया है।
इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिनमें प्रमुख हैं:
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सिंधु जल संधि को निलंबित करना
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वाघा-अटारी सीमा को बंद करना
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भारत-पाकिस्तान के बीच सभी व्यापारिक संबंध बंद करना
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पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा रद्द करना और SAARC वीजा स्कीम से हटाना
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पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद करना
क्या कहा प्रधानमंत्री ने?
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले के नेता दुनिया की प्रतिक्रिया, वोट बैंक और कुर्सी के बारे में सोचते थे, जिससे देश में जरूरी सुधार टलते रहे। उन्होंने कहा:
“देश तब आगे बढ़ता है जब हम ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से फैसले लेते हैं।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने:
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शिमला समझौते को निलंबित किया
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भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया
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भारत के साथ सभी व्यापार बंद किया
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भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा