DJ की तेज आवाज से मौत मुमकिन! वैज्ञानिक चेतावनी से हो जाएं सावधान, जानें कितना वोल्यूम खतरनाक
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 01:48 PM (IST)

नई दिल्ली: शादी-ब्याह या बर्थडे पार्टी हो — म्यूजिक के बिना कोई मजा नहीं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि जो म्यूजिक आपका मूड बना रहा है, वही आपकी सेहत के लिए जानलेवा भी हो सकता है? इंटरनेट पर ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां बेहद तेज आवाज के कारण लोगों की जान तक चली गई।
अब सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ शोर या डीजे की तेज आवाज से मौत मुमकिन है? जवाब थोड़ा चौंकाने वाला है — हां, हो सकती है। वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य एजेंसियों की मानें तो लगातार तेज ध्वनि का सामना करने से इंसानी शरीर पर कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं, जो दिल की धड़कन से लेकर दिमाग तक को झटका दे सकते हैं।
लाउड साउंड से शरीर पर क्या असर होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 12 से 35 वर्ष की उम्र के लगभग 100 करोड़ लोग तेज आवाज और लगातार शोर के कारण सुनने की क्षमता खोने के खतरे में हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका की CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से तेज आवाज में रहते हैं, उनकी सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है। जब ध्वनि का स्तर एक तय सीमा से ऊपर चला जाता है, तो यह सिर्फ कानों को नहीं, बल्कि पूरे तंत्रिका तंत्र, दिल और दिमाग पर तनाव डालने लगता है। इसकी वजह से व्यक्ति को बेचैनी, गुस्सा, सिरदर्द, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर और यहां तक कि ब्रेन हैमरेज या हार्ट अटैक तक हो सकता है।
ध्वनि का स्तर और खतरे की सीमा
हमारे कान आमतौर पर 70 डेसीबल तक की आवाज को सुरक्षित तरीके से झेल सकते हैं। इससे ऊपर जाने पर शरीर पर प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है।
ध्वनि का स्तर (डेसीबल) | प्रभाव |
70 dB तक | सामान्य, सुरक्षित |
85 dB से ऊपर | धीरे-धीरे सुनने की क्षमता घटती है |
100–110 dB | कानों पर तेज दबाव, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन |
130 dB से ऊपर | कानों को स्थायी नुकसान |
185–200 dB | दिल और मस्तिष्क पर घातक असर, मौत की संभावना |
आपके इयरफोन या डीजे सिस्टम, अगर पूरी वॉल्यूम पर चल रहे हों, तो ये आसानी से 100 से 120 डेसीबल तक की आवाज दे सकते हैं — जो आपकी सुनने की सीमा से काफी ज्यादा है।