Kidney damage: पेशाब में झाग आए तो हो जाएं सतर्क! किडनी सड़ने लगी, चीख-चीख कर बता रहे हैं ये 8 गंभीर लक्षण
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 12:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: डायबिटीज आज की तेजी से बढ़ती गंभीर बीमारियों में से एक है, जो भारत में सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है। यह बीमारी केवल शुगर लेवल बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि लंबे समय तक अनियंत्रित रहने पर यह किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे डायबिटिक किडनी डिजीज या डायबिटिक नेफ्रोपैथी जैसी गंभीर समस्या हो जाती है।
डायबिटीज में शरीर का ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख में बदलाव, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। यदि इन पर ध्यान न दिया जाए तो किडनी की सूक्ष्म रक्त नलिकाएं प्रभावित हो जाती हैं, जो किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे कम कर देती हैं।
डायबिटीज किडनी को कैसे प्रभावित करती है?
किडनी शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी को छानने का काम करती है। किडनी में लाखों छोटे-छोटे फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। जब ब्लड शुगर लंबे समय तक ज्यादा रहता है, तो ये नेफ्रॉन प्रभावित होते हैं, जिससे फिल्टर लीक होने लगते हैं और जरूरी प्रोटीन जैसे एल्बुमिन पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकलने लगते हैं। इसके कारण किडनी धीरे-धीरे खराब होती है और अंततः फेल भी हो सकती है।
किडनी डैमेज के शुरुआती लक्षण
पेशाब में प्रोटीन का आना: यह किडनी डैमेज का पहला और महत्वपूर्ण संकेत होता है, जिसे यूरिन टेस्ट के जरिए पहचाना जा सकता है। अगर पेशाब में झाग या फेन जैसा दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें।
शरीर में सूजन (एडिमा): किडनी की खराबी से शरीर में पानी जमा होने लगता है, खासकर पैरों, टखनों, हाथों या चेहरे में सूजन आ सकती है।
बार-बार पेशाब आना और कमजोरी: किडनी के खराब होने से पेशाब का नियंत्रण बिगड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब आता है। साथ ही शरीर में थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
भूख में कमी और मिचली: खराब किडनी के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे भूख कम लगती है और मिचली होती है। मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है।
आंखों के चारों ओर सूजन, त्वचा की खुजली और रूखापन: पेशाब में प्रोटीन के कारण आंखों के आसपास सूजन हो सकती है। इसके अलावा त्वचा में खुजली और सूखापन महसूस हो सकता है।
किडनी डैमेज से बचाव के उपाय
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें: HbA1c लेवल को 7% से नीचे बनाए रखना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण: इसे 130/80 mmHg से कम रखना चाहिए।
किडनी-फ्रेंडली डाइट अपनाएं: नमक, प्रोटीन, पोटैशियम और फॉस्फोरस की मात्रा सीमित रखें।
मीठे और प्रोसेस्ड फूड से बचाव: मीठे, एनर्जी ड्रिंक और ज्यादा प्रोसेस्ड चीजें न खाएं।
पर्याप्त पानी पिएं: शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
धूम्रपान छोड़ें: यह किडनी और अन्य अंगों के लिए नुकसानदेह है।
नियमित जांच करवाएं: हर 6 से 12 महीने में ब्लड और यूरिन की जांच जरूरी है ताकि समय रहते समस्या का पता चल सके।