मणिपुर में तबाही का तांडव: सड़कें बनी दरिया, भारी बारिश के चलते मची हाहाकार, Video में देखें ताज़ा हालात
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 08:54 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। राहत एवं आपदा प्रबंधन विभाग के नवीनतम अपडेट के अनुसार लगातार बारिश के बाद सूबे के बड़े इलाके पानी में डूब गए हैं जिससे 19,800 से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
नदियाँ उफान पर, भूस्खलन का भी खतरा
सूबे की प्रमुख नदियाँ - इंफाल और इरिल - उफान पर हैं और कई जगहों पर बांध टूट रहे हैं जिससे आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। मणिपुर में नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर तक थोड़ा कम हुआ है लेकिन ज्यादातर नदियों में जलस्तर अभी भी उच्च बाढ़ के निशान से ऊपर बना हुआ है जिससे खतरा बरकरार है।
राज्य में अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुँचा है 1,599 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है। पूरे राज्य भर में 47 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के मरने या लापता होने की जानकारी नहीं मिली है।
#WATCH इंफाल (मणिपुर): भारी बारिश के कारण इंफाल शहर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 2, 2025
ड्रोन वीडियो इंफाल शहर का है। pic.twitter.com/4B7z9xJnuo
राहत शिविर और आपातकालीन मरम्मत कार्य जारी
राज्य सरकार ने बाढ़ से विस्थापित हुए नागरिकों को आश्रय देने के लिए 37 राहत शिविर खोले हैं। जल संसाधन विभाग ने बताया है कि जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश में कमी आई है, सोमवार दोपहर 1 बजे तक कांगपोकपी में 11.50 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
इंफाल में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है क्योंकि नदियों के टूटने से खतरा बना हुआ है। नदियों के किनारे टूटने के बाद स्थिति को बहाल करने और बाढ़ को रोकने के लिए आपातकालीन मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
JNIMS में मरीज और छात्र परेशान
जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में बाढ़ के पानी ने भूतल के वार्डों को प्रभावित किया है जिसके कारण मरीजों को क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) और अन्य सुलभ जिला अस्पतालों जैसी नजदीकी सुविधाओं में स्थानांतरित किया गया है।
JNIMS कैंपस के अंदर हॉस्टल्स में रहने वाले छात्र भी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हॉस्टल कैंटीन के बंद होने के बाद उन्हें उचित भोजन और पीने के पानी तक पहुँच नहीं मिल पा रही है।
35 वर्षों में आई सबसे भीषण बाढ़ के बावजूद मणिपुर एकजुट खड़ा है। फिर भी, हौसला कायम है। #Manipur #Flood #Imphal #floods#Weatherpic.twitter.com/D5YGW8RDNX
— Kamit Solanki (@KamitSolanki) June 2, 2025
बचाव और राहत अभियान में जुटे NDRF, SDRF और सेना
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राज्य पुलिस, सेना के जवान और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें बचाव और राहत के प्रयासों में जुटी हुई हैं। असम राइफल्स (सीओ-33) के कमांडिंग ऑफिसर राधा कृष्ण ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "तत्काल सहायता, ज़रूरी वस्तुएँ और निकासी सहायता प्रदान करने के लिए समन्वित अभियान जारी हैं।"
#WATCH | मणिपुर | भारी बारिश के कारण इम्फाल के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 1, 2025
(वीडियो ड्रोन कैमरे द्वारा शूट किया गया है।) pic.twitter.com/TppPUelamH
उन्होंने कहा कि असम राइफल्स, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और संबंधित राज्य विभागों के कर्मी किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए एक रोडमैप के साथ काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में भी सहयोगात्मक कोशिशें जारी रहेंगी। अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने और राज्य भर में रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति के दौरान आधिकारिक सलाह का पालन करने की गुजारिश की है।