दरिया बनी दिल्ली, कमर तक पानी से निकलकर स्कूल पहुंच रहे टीचर

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 10:45 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिल्ली में लगातार हो रही बारिश के बाद उत्पन्न जलभराव की स्थिति ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ज्यादातर इलाके में लोग जलमग्न सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। नगर निगम व दिल्ली सरकार दिल्ली वासियों को जलजमाव से निजात दिलाने के बजाए एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपना-अपना पल्ला झाडऩे में लगे हैं। जलभराव ने सभी प्रशासनिक दावों की पोल खोल के रख दी है। हालत यह है कि निगम के अपने नरेला जोन के बेसमेंट में भी पानी भरा हुआ है। इधर हालत यह है कि नरेला निगम जोन ऑफिस के बेसमेंट तक में पानी भर गया है। इधर नागरिकों का कहना है कि अगर नालों की सफाई हो गई तो फिर जलभराव की समस्या कैसे हो रही है। लोगों का कहना हैै कि बारिशों के दिनों में हर बार क्षेत्र की सड़कों मेंं गलियों में पानी भर जाता है लेकिन इसके बावजूद निगम और दिल्ली सरकार कुछ नहीं करती, जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। 

कमर तक पानी से निकलकर स्कूल पहुंच रहे शिक्षक
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को बुलाने के आदेश के बाद दो दिन से हो रही बारिश में सुबह 8 बजे शिक्षकों को कमर तक पानी में घुसकर स्कूल पहुंचना पड़ा है। स्कूलों में पानी भरे होने के कारण शिक्षकों ने ट्रैक्टर की भी मदद ली है। मुबारकपुर डबास स्थित सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि सभी आला अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। वहीं गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल नंबर-2 मुबारकपुर डबास के इवनिंग शिफ्ट प्रिंसिपल अजय कुमार ने कहा कि इस पूरे इलाके में पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है सीवर लाइन नहीं है। ड्रेनेज सिस्टम न होने के चलते जलभराव की परेशानी अक्सर होती है। हमारे स्कूल में 13 अगस्त से घुटनों तक पानी भरा हुआ है। आलाअधिकारियों को सूचित करने पर वीरवार को दोनों डिस्ट्रिक व जोन डीडीई ने विजिट किया था। उन्होंने जांच कर रिपोर्ट बनानी है जो निदेशालय की स्टेट ब्रांच को भेजी जाएगी। स्कूल ने भी मामले पर फाइल तैयार कर स्टेट ब्रांच को सबमिट कर दी है।

सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक हुई बारिश
राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिन से लगातार हो रही बारिश से तापमान में गिरावट आई है।  आलम यह है कि अधिकतम व न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से नीचे चल रहे हैं। वीरवार तक यह 15 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले शुक्रवार को भी बारिश होने के पूरे आसार बने हुए हैं।  एक जून को मॉनसून की शुरुआत से 520.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य 452.6 मिमी से 15 प्रतिशत अधिक है। पिछले दो दिन से झमाझम बारिश ने सामान्य बारिश के औसत को ना केवल पूरा किया बल्कि सामान्य से आगे निकल गई है।  

कहां-कहां भरा पानी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अनुसार वीरवार को किराड़ी, अमन विहार, मीर विहार, रानी बाग, वजीरपुर, चंदन विहार प्रेम नगर, राजीव नगर, बेगमपुर बुध बाजार रोड, काली घाटी वजीराबाद, संत नगर ,बुराड़ी, कोमल कॉलोनी ,लक्ष्मी विहार बुराड़ी, राजीव नगर एक्सटेंशन,  राजीव नगर, रोहिणी सेक्टर 16 और 22, कमला नगर , चंद्रावल, रामा विहार, किराड़ी, अमन विहार, मीर विहार, पीतमपुरा आदि क्षेत्रों में जलभराव हुआ। साथ ही 12 जगह पेड़ गिरे, इनमें  जहांगीरपुरी,  शोभा हाउस राजपुर रोड, शीशमहल सीताराम बाजार, कमला मार्केट एमसीडी स्कूल, तीस हजारी कोर्ट,  सिविल लाइन पुलिस स्टेशन के पास केशव पार्क, वेस्ट पटेल नगर नजदीक बीकानेर स्वीट, रामपुरा एलआईजी फ्लैट, रोहिणी सेक्टर- 13, 16, 17, अनुभव अपार्टमेंट, सेक्टर 16 रोहिणी आदि हैं। इसके अलावा 9  स्थानों पर मकान के हिस्से गिरे व अन्य नुकसान हुआ, इनमें खेड़ा खुर्द गांव, बेगमपुर, जहांगीरपुरी, बुराड़ी, नई सड़क, वजीरपुर गांव, मुल्तान नगर पश्चिम विहार, हरि सिंह पार्क मुलतान नगर शामिल है।

दूसरी ओर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इलाके में भी जगह-जगह जलभराव की शिकायतें मिली हैं। जलभराव वाले स्थलों में  मध्य निगम छेत्र के जंगपुरा रोड भोगल, मास्टर मोहल्ला तुगलकाबाद, विकास भवन आईटीओ के पास पीजीसी सड़क, मल्टीलेवल पार्किंग एनएफसी, कालकाजी मल्टीलेवल कार पार्किंग, एम 429/22 मोलाबंद में जलभराव हुए। जबकि  एच 4/18 ए जंगपुरा,  डी- 435 डिफेंस कॉलोनी, 259 ए/3 नूर नगर जामिया नगर ओखला, मकान  नम्बर-50 पॉकेट-14 कालकाजी, एफ -300 सरिता विहार, 232 डीडीए जनता पुल पुहलादपुर, पॉकेट-3 वरिष्ठ नागरिक पार्क कालकाजी, 27 डीएसआईडीसी रोड ओखला चरण -2, फ्रेंड्स कॉलोनी पश्चिम, तुगलकाबाद,ओखला फेज-1, सुखदेव विहार डीडीए फ्लैट, लाजपत नगर-2, लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के पास, प्रहलाद पुर आदि जगहों पर  पेड़ गिरने की घटना हुई।  इसी तरह नजफगढ़ क्षेत्र में तीन जगह जलभराव हुए। इसके अतिरिक्त दक्षिण निगम जोन में 9 जगह जलभराव व 10 स्थानों पर पेड़ गिरने के अलावा दो जगह मकानों के हिस्से ढह गए।


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Anil dev

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