रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जाएंगे रूस, INS तुशील का करेंगे जलावतरण
punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2024 - 09:14 AM (IST)
नेशनल डेस्क। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वे भारतीय नौसेना के INS तुशील युद्धपोत का जलावतरण देखेंगे। यह युद्धपोत रूस में निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है जो भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगा। INS तुशील को सोमवार (9 दिसंबर) को कलिनिनग्राद शहर में जलावतरण किया जाएगा।
यह युद्धपोत 21वीं सदी का सबसे उन्नत युद्धपोत माना जा रहा है और इसे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए एक अहम शक्ति साबित होगा।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी जलावतरण समारोह में राजनाथ सिंह के साथ रहेंगे। यह भारत और रूस के बीच सैन्य सहयोग को और मजबूत करने का प्रतीक है।
मॉस्को में 10 दिसंबर को बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव 10 दिसंबर को मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-MTC) की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में दोनों देश सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर बातचीत करेंगे जिसमें सैन्य साजोसामान के सह-उत्पादन पर भी चर्चा होगी।
वहीं भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है। खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले 5 महीने पहले मॉस्को यात्रा के बाद इस यात्रा को और महत्व प्राप्त है जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया था।
INS तुशील का भारतीय नौसेना में शामिल होना
राजनाथ सिंह 9 दिसंबर को INS तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे। यह फ्रिगेट बहु-भूमिका वाली स्टील्थ गाइडेड मिसाइल प्रणाली से लैस है जिससे भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता और मजबूत होगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह और बेलौसोव सैन्य और औद्योगिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए नए उपायों पर विचार करेंगे। इसके अलावा वे समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार करेंगे।
मॉस्को में 'अज्ञात सैनिक की समाधि' पर श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री अपनी यात्रा के दौरान मॉस्को में अज्ञात सैनिक की समाधि पर जाकर सोवियत संघ के सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी जान गंवाई थी। इसके अलावा उनका भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।
बता दें कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच सैन्य और रणनीतिक सहयोग को और मजबूती देने में मदद करेगी और दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा देगी।