भारतीय नेवी की बढे़गी ताकत, 1 जुलाई से नौसेना बेड़े में शामिल होगा INS तमाल
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 07:43 PM (IST)

नई दिल्ली : रूस में भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया गया अत्याधुनिक युद्धपोत ‘तमाल’ 1 जुलाई को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, यह कमिशनिंग समारोह रूस में ही आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसके बाद यह युद्धपोत भारत लाया जाएगा। 'तमाल' एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है।
विदेश से आयात होने वाला आखिरी वॉरशिप
‘तमाल’ भारतीय नौसेना का अंतिम आयातित युद्धपोत होगा। नौसेना पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अब भविष्य में किसी भी युद्धपोत की खरीद विदेश से नहीं की जाएगी। वर्ष 2016 में भारत और रूस के बीच चार 'तलवार क्लास' स्टेल्थ फ्रिगेट के निर्माण का समझौता हुआ था, जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनाए जाने थे। रूस में बने ‘तुशील’ को पहले ही नौसेना में शामिल किया जा चुका है और अब 'तमाल' की बारी है।
तमाल की तकनीकी खूबियां
'तमाल' की अधिकतम गति 30 नॉटिकल मील है।
इसमें ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है।
इसे खासतौर पर एंटी-सबमरीन वारफेयर के लिए डिजाइन किया गया है।
दुश्मन की पनडुब्बियों से निपटने के लिए इसमें एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं।
इस युद्धपोत पर एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया जा सकता है।
इसका वजन लगभग 3900 टन है।
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भारतीय नौसेना की ताकत में होगा इज़ाफा
तमाल के जुड़ने के बाद भारतीय नौसेना के पास कुल 14 फ्रिगेट हो जाएंगे। वर्तमान में नौसेना के पास 13 फ्रिगेट, 10 डिस्ट्रॉयर और 10 कोरवेट मौजूद हैं। फ्रिगेट आकार में डिस्ट्रॉयर से छोटा होता है और आमतौर पर किसी एक खास ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके विपरीत, डिस्ट्रॉयर बड़े और बहुआयामी भूमिका निभाने वाले युद्धपोत होते हैं। वहीं, कोरवेट आकार में सबसे छोटे होते हैं, लेकिन तटीय सुरक्षा जैसे अभियानों में इनकी भूमिका अहम होती है।