भारत की समंदर में बढ़ी ताकत भारतीय नेवी के बेड़े में शामिल हुआ INS तमाल, जानें इसकी खासियत
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 07:37 PM (IST)

National Desk : भारतीय नौसेना ने 1 जुलाई 2025 को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में एक और ताकतवर स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तमाल (F71) को अपने बेड़े में शामिल कर लिया। यह बहुउद्देश्यीय युद्धपोत 'प्रोजेक्ट 1135.6' यानी तलवार श्रेणी का आठवां जहाज है और तुशील-क्लास का दूसरा फ्रिगेट है। INS तमाल की खास बात यह है कि यह भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला आखिरी विदेशी निर्मित प्रमुख युद्धपोत है, जो अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत पूरी तरह से स्वदेशी निर्माण की दिशा में बढ़ते कदम को दर्शाता है।
स्वदेशीकरण की ओर एक और कदम
INS तमाल में 26% स्वदेशी उपकरण लगे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और HUMSA-NG सोनार प्रणाली शामिल हैं। इस श्रेणी के अगले दो युद्धपोत भारत में ही बनाए जाएंगे, जिससे भारत-रूस रक्षा साझेदारी और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाई मिलेगी।
INS तमाल की ताकत और क्षमताएं
यह युद्धपोत चारों प्रमुख युद्ध डोमेन—वायु, सतह, पनडुब्बी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार है। INS तमाल में ब्रह्मोस मिसाइल के साथ-साथ लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 100 मिमी की मुख्य गन, 30 मिमी की क्लोज-इन वेपन सिस्टम, एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और टारपीडो जैसी घातक हथियार प्रणालियां हैं। इसके अलावा, इसमें NBC यानी न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल रक्षा के लिए अत्याधुनिक स्वचालित सिस्टम लगे हुए हैं।
कमीशन समारोह और भारत-रूस की साझेदारी
INS तमाल के कमीशन समारोह में भारतीय नौसेना और रूस के बाल्टिक बेड़े के जवानों ने संयुक्त रूप से गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर रूस के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ भारत की ओर से वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह और वाइस एडमिरल आर. स्वामीनाथन मौजूद थे। वाइस एडमिरल सिंह ने कहा कि तमाल का जलावतरण भारत की समुद्री शक्ति और रूस के साथ मजबूत रक्षा सहयोग का प्रतीक है।
INS तमाल की कमान
इस अत्याधुनिक युद्धपोत की कमान कैप्टन श्रीधर टाटा के हाथों में है, जो नौसेना के मिसाइल और तोपखाना विशेषज्ञ हैं। INS तमाल अब पश्चिमी नौसेना कमान का हिस्सा बनेगा, जहां पहले से ही तलवार, तेग, त्रिकंड, सतपुड़ा जैसे फ्रिगेट तैनात हैं।