SCO Summit 2025: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे भारत-पाक के रक्षा मंत्री और NSA

punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 12:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक 25 और 26 जून को चीन के क़िंगदाओ में आयोजित होने जा रही है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक टकराव की संभावनाएं एक बार फिर सुर्खियों में हैं। खास बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार होगा, जब दोनों देशों के रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) आमने-सामने होंगे।

भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और NSA अजीत डोभाल इस बैठक में हिस्सा लेंगे। वहीं, पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और NSA आसिम मलिक के भाग लेने की पुष्टि हुई है। अजीत डोभाल पहले से ही चीन में मौजूद हैं और उन्होंने हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय मुलाकात की है।

भारत उठा सकता है आतंकवाद का मुद्दा
सूत्रों के मुताबिक, भारत इस मंच का उपयोग आतंकवाद और सीमापार आतंकवादी गतिविधियों के मुद्दे को उठाने के लिए कर सकता है। माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान की धरती से संचालित आतंकी संगठनों को लेकर कड़ा रुख अपनाएगा और पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने की रणनीति पर काम करेगा।

SCO में द्विपक्षीय बैठक की संभावना कम
भारत की ओर से साफ किया गया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करता और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) पर गंभीर संवाद के लिए तैयार नहीं होता, तब तक उसके साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। इससे पहले 2023 में नई दिल्ली में आयोजित SCO बैठक में पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ वर्चुअल रूप से शामिल हुए थे।

राजनाथ सिंह ने दिया बयान
बैठक में रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "SCO समिट विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों से विचार-विमर्श का अवसर है। वैश्विक शांति, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हूं।"

पाकिस्तान पर भारत का सख्त रुख
भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है। पहलगाम जैसे हमलों के पीछे इन्हीं संगठनों का हाथ माना जाता है, जिनकी जड़ें पाकिस्तान में फैली हैं। भारत की नीति स्पष्ट रही है — "आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कई बार यह दोहरा चुके हैं कि पाकिस्तान को पहले आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा, तभी आगे कोई संवाद संभव है।

SCO का परिचय
SCO की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। भारत 2017 में इस संगठन का पूर्ण सदस्य बना। इस संगठन में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस सदस्य हैं। SCO क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग और आर्थिक मुद्दों पर सदस्य देशों को एक मंच प्रदान करता है।


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Content Editor

Harman Kaur

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