कृषि ऋण माफी और आय समर्थन योजना से बढ़ रहा है वित्तीय घाटा: रिजर्व बैंक

punjabkesari.in Wednesday, May 08, 2019 - 08:44 PM (IST)

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि ‘उदय' (यूडीएवाई), कृषि कर्ज माफी तथा आय समर्थन योजना आदि से वर्ष 2018-19 में वित्तीय घाटा बढ़ा है। पन्द्रहवें वित्त आयोग और रिजर्व बैंक की बैठक में रिजर्व बैंक द्वारा दी गई प्रस्तुति में यह बात कही गई। इसमें राज्यों में वित्त आयोग के गठन की आवश्यकता बताई गई। बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह के साथ ही केन्द्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर भी मौजूद थे। इस दौरान संबंधित राज्य सरकारों के लिए राज्य वित्त आयोगों के गठन की आवश्यकता बताई गई।

सार्वजनिक क्षेत्र के लिए वित्तीय ऋण की जरूरत बताते हुए कहा गया कि वित्त आयोग की निरंतरता राज्यों की वित्तीय प्रबंधन जरूरतों के लिए आवश्यक है। वर्तमान स्थिति में जब मध्यावधि समीक्षा नहीं हुई है क्योंकि पहले यह काम योजना आयोग के द्वारा की जाती थी। इसमें व्यय संहिता की आवश्यकता भी बताई गई है क्योंकि व्यय कानूनों में राज्य के अनुसार अंतर होता है। विकास और मंहगाई दर में राज्यों की भूमिका पर चर्चा की गई।

केन्द्रीय बैंक ने वित्त आयोग के समक्ष 2019-20 के लिए राज्य सरकार वित्त विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें उसने सरकारी वित्त संरचना में हुए बदलाव के कारण अर्थव्यवस्था में राज्यों की भूमिका को अधिक महत्वपूर्ण बताया। वर्ष 2019-20 के बजट अनुमानों में राज्यों के वित्तीय घाटा कम रहने की बात कही गई थी लेकिन संशोधित अनुमान और वास्तविक स्थिति अलग-अलग है। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में ऋण प्रतिशत बढ़ रहा है, जबकि ब्याज अदायगी को उदार बनाया गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

shukdev

Recommended News

Related News