चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपी अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2024 - 08:19 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह ने अपने आचरण के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली। अदालत ने फरवरी में चंडीगढ़ मेयर चुनाव का नतीजा पलट दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मसीह को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ मतगणना के दौरान गंभीर कदाचार के लिए मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।

मसीह ने कहा कि वह पहले दिया हलफनामा वापस लेंगे, जिसमें कहा गया था कि वह अवसाद और बैचेनी से गुजर रहे थे और इसमें उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ के आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने हलफनामे में कहा था, ‘‘इकत्तीस जनवरी को चुनाव प्रक्रिया की एक कथित वीडियो रिकॉर्डिंग ऑनलाइन लीक हो गई थी। इसके बाद, प्रतिवादी (मसीह) को सोशल मीडिया के साथ ही राजनीतिक दलों के सदस्यों की लगातार आलोचना और टीका-टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। इससे प्रतिवादी एवं उनके परिजन अत्यधिक मानसिक तनाव में आ गए।'' उन्होंने कहा कि अदालत में पेशी से पहले की अवधि के दौरान मीडिया कवरेज और रिपोर्टिंग के कारण उनकी ‘‘निजता और मानसिक स्वास्थ्य का हनन हुआ।''

अदालत ने फरवरी में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया मेयर घोषित किया था। अदालत ने 30 जनवरी को चुनाव परिणाम को रद्द घोषित करते हुए कहा था कि मसीह ने आठ मतपत्रों पर निशान लगाए थे, ताकि उन्हें अवैध घोषित किया जा सके। मसीह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-सदस्यीय पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल ने बिना शर्त माफी मांगी है। रोहतगी ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें पहला हलफनामा वापस लेने की सलाह दी है।'' कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने माफी का विरोध किया। पीठ ने 23 जुलाई तक मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर दी।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने मसीह को ‘कारण बताओ नोटिस' जारी करते हुए पूछा कि उनके खिलाफ अदालत में कथित तौर पर झूठा बयान देने के लिए आपराधिक दंड संहिता की धारा 340 के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए। आम आदमी पार्टी (आप) के मेयर पद के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसने नए सिरे से मतदान कराने का अनुरोध कर रही पार्टी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।


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Content Writer

Yaspal

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