हेडली बोला, दहशतगर्दों ने मुंबई को ही क्यों बनाया निशाना?...बस मैं यह नहीं जानता

punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2016 - 12:40 PM (IST)

मुंबई: मुंबई हमलों को लेकर विशेष अदालत में चल रही दूसरे दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए डेविड हेडली से जब हमलों की वजह पूछी गई तो वह खामोश रह गया। उसने सीधे शब्दों में कहा कि उसे हमले की वजह पता नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील उज्जवल निकम ने उससे सवाल किया कि आखिर मुंबई को ही क्यों निशाना बनाया गया? क्या वजहें हैं? इसके जवाब में हेडली ने कहा, ''मैं नहीं जानता, मैंने कभी वजह जानने की कोशिश नहीं की।

आतंकी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार
हेडली ने कहा कि भारत में आतंकी हमलों के लिए मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार है और यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी आदेश इसके शीर्ष कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी की ओर से आए। खुलासे जारी रखते हुए हेडली ने कहा, ‘‘मैं वर्ष 2006 की शुरुआत में आईएसआई के मेजर इकबाल से लाहौर में मिला था।

उन्होंने मुझे भारत की खुफिया सैन्य जानकारी एकत्र करने के लिए कहा था। उन्होंने मुझे जासूसी के लिए भारतीय सेना से भी किसी को नियुक्त करने के लिए कहा था। मैंने मेजर इकबाल से कहा था, मैं उनके कहे मुताबिक काम करूंगा।’’  हेडली ने अदालत को बताया, ‘‘मैं इस अदालत को यह नहीं बता सकता कि लश्कर-ए-तैयबा के किस व्यक्ति विशेष ने भारत में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के निर्देश दिए। पूरा समूह ही जिम्मेदार था। हालांकि हम यह कयास लगा सकते हैं कि चूंकि लश्कर के अभियानों का प्रमुख जकी-उर-रहमान था, ऐसे में तार्किक तौर पर सभी आदेश उसी की ओर से आए होंगे।’’

2007 में होना था मुंबई पर हमला

डेविड हेडली ने अपने बयान में खुलासा किया कि मुंबई में वर्ष 2007 में हमले की योजना बनाई गई थी लेकिन किसी कारणवश रद्द हो गई। मुंबई में वर्ष 2007 में हमला करने के पूर्व एक बैठक हुई थी जिसमें दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरु शहर पर हमला करने पर साजिश हुई थी। लेकिन अंत में मुंबई पर हमला करने का निर्णय लिया गया। लश्कर-ए-तैयबा ने ताज होटल पर हमले की योजना बनाई थी। वर्ष 2006 में नवंबर-दिसंबर में बैठक होने से पूर्व मैंने मुंबई की रेकी कर ली थी। बैठक में मुजम्मिल, इकबाल मेजर, मीर साजिद और स्वयं बैठक में शामिल था।

2003 में हुई लखवी से मुलाकात
 उसने बयान में आगे कहा कि वर्ष 2003 में उसकी मुजफ्फराबाद में लखवी से मुलाकात हुई थी। उसने आज लखवी के फोटो की पहचान की। उसने बताया कि हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का धर्मगुरु है।

ताज होटल में पत्नी के साथ ठहरा था
वर्ष 2007 में उसका विवाह फैजा नामक लड़की से हुई थी और पत्नी के साथ वह पाकिस्तान में रह रहा था। तभी अप्रैल 2007 में वह पत्नी फैजा के साथ मुंबई आया और ताज होटल में ठहरा। मेजर इकबाल और साजिद मीर ने उस ताज होटल के कोने-कोने की वीडियोग्राफी करने के लिए कहा था। उसने कहा, ''जब मैं वापस लौटा तो वे लोग मेरे काम से संतुष्ट थे, मैंने वो वीडियो मेजर इकबाल और साजिद मीर को दिए। उसने यह भी कहा कि ताज होटल के अलावा शहर के दूसरे इलाकों, रेलवे स्टेशन, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के भी वीडियो बनाए। उसने यह भी बताया कि वर्ष 2008 में वह पत्नी के साथ अमेरिका चला गया। उसकी पत्नी को शक हो गया था कि उसका संबंध आतंकवादी संगठन से है। उसकी पत्नी के शिकायत पर ही उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया।


मुंबई की एक महिला से पहचान
कोर्ट में दावा करते हुए हेडली ने कहा कि वह मुंबई में मीरा कृपालिनी नाम की महिला को जनता है जो ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के पास एक पीजी में रहती थी। उसने कहा, ''मैंने मुंबई में न सिर्फ टारगेट देखे बल्कि किन रास्तों से घुसा जा सकता है इसकी भी पड़ताल की। नेवी एयर स्टेशन, महाराष्ट्र पुलिस हेडक्वार्टर को भी टारगेट के तौर पर रेकी की। उसने कहा कि वह छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भी गया लेकिन उसे टारगेट के तौर पर सेलेक्ट नहीं किया था. वह जुलाई में ओबेरॉय होटल की रेकी के लिए गया और कोलाबा पुलिस स्टेशन के आसपास के इलाकों में भी पड़ताल की।

सिद्धिविनायक मंदिर को भी उड़ाना चाहता था साजिद मीर
डेविड हेडली ने उन ठिकानों के बारे में खुलासा किया है जिनकी रेकी के उसे खास निर्देश दिए गए थे। इन जगहों में मुंबई का चर्चित सिद्धिविनायक मंदिर भी शामिल है। डेविड हेडली ने कोर्ट से कहा कि साजिद मीर ने उसे खासकर सिद्धिविनायक मंदिर के वीडियो लेने के लिए कहा था। उसने कहा, ''मैंने सिद्धिविनायक पहुंचने के रास्तों को जीपीएस पर मार्क करके बताया था। मैंने कैमरे से वीडियो बनाकर साजिद मीर और मेजर इकबाल को भेजे थे, इन्होंने ही मुझे जीपीएस उपलब्ध कराया था।


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