कफ सिरप कांड: जहरीली दवा से मौतों का शक गहराया, मासूम का कब्र से निकाला गया शव; पोस्टमार्टम से खुलेगा राज
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 10:36 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की रहस्यमयी मौतों ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। संभावित जहरीले कफ सिरप (Cough Syrup) कांड से जुड़ी जांच में रविवार को प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। परासिया ब्लॉक के बडकुही मोक्षधाम से दो वर्षीय मासूम बच्ची का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। संदेह है कि बच्ची की मौत जहरीले कफ सिरप के सेवन से हुई थी।
नागपुर में इलाज के दौरान हुई थी मौत
जानकारी के मुताबिक, परासिया क्षेत्र की यह दो साल की बच्ची बीमार थी और उसका इलाज पहले स्थानीय डॉक्टरों के पास चल रहा था। जब हालत बिगड़ी तो परिजन उसे नागपुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां शनिवार को इलाज के दौरान उसकी किडनी फेल होने से मौत हो गई। शुरुआती जांच में शक जताया गया कि बच्ची को जो कफ सिरप दिया गया था, वही उसकी मौत का कारण बन सकता है। इस सिरप का संबंध कथित तौर पर उसी दवा बैच से जोड़ा जा रहा है जिसकी जांच हाल ही में राज्यभर में शुरू हुई थी।
अंतिम संस्कार के बाद कब्र से निकाला गया शव
परिवार ने शनिवार को बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन रविवार सुबह प्रशासन ने परिवार से संपर्क किया। एसपी अजय पांडे, तहसीलदार, एसडीओपी, सीएमएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कानूनी प्रक्रिया के तहत शव को कब्र से निकालने की अनुमति ली। परिजनों ने जांच में सहयोग देने की बात कही। पूरे अभियान के दौरान पुलिस बल, राजस्व अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में विशेषज्ञ करेंगे पोस्टमार्टम
शव को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल भेजा गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम रासायनिक (toxicology) और विसरा जांच करेगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह तय होगा कि बच्ची की मौत जहरीले सिरप के कारण हुई या किसी अन्य वजह से। डॉक्टरों ने बताया कि अगर सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) या अन्य विषैले तत्व मिले तो वह किडनी फेलियर और मल्टी-ऑर्गन डैमेज का कारण बन सकता है।
बता दें शनिवार को दो और बच्चों की मौत के बाद इस कफ सिरप से मरने वाले नौनिहालों की संख्या 11 पहुंच गई है। वहीं इस घटना के बाद राज्य सरकार एक्शन में आई है। पीड़ितों द्वारा ली गई कफ सिरप की जांच लैब में की गई, जिसमें पाया गया कि इस सिरप में एक जहरीला केमिकल है। इस जानकारी के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश में इस कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, राज्य के छिंदवाड़ा से इस दवा का सुझाव देने वाले चिकित्सक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।