कांग्रेस ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर जताई चिंता, कहा- सतर्क रहे भारत
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत के बीच एक थिंक टैंक द्वारा जताई गई चिंता के सिलसिले में सोमवार को कहा कि वाशिंगटन के साथ व्यापार समझौते के संदर्भ में बहुत सावधान रहना होगा। आर्थिक शोध संस्थान ‘‘वैश्विक व्यापार अनुसंधान संस्थान'' ( GTRI ) ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देते समय भारत को सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।
Earlier there have been Masala Bonds issued by companies outside India but denominated in rupees. The International Finance Corporation did so in 2014 and 2015 and HDFC and NTPC followed a year later.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 14, 2025
Now the New Delhi-based Global Trade Research Institute has sounded a…
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "इससे पहले कंपनियों द्वारा भारत के बाहर मसाला बॉन्ड जारी किए गए थे, लेकिन उनका मूल्य रुपये में था। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम ने 2014 और 2015 में ऐसा किया और एचडीएफसी और एनटीपीसी ने एक साल बाद ऐसा किया।'' उन्होंने कहा, "अब नई दिल्ली स्थित वैश्विक व्यापार अनुसंधान संस्थान ( GTRI ) ने भारत द्वारा अमेरिका के साथ किए जा रहे व्यापार समझौते को लेकर चेतावनी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कामकाज के पूरी तरह से मनमाने और स्पष्ट रूप से विचित्र तरीके को देखते हुए, GTRI ने अब "मसाला सौदों" पर ध्यान आकर्षित किया है। "
उन्होंने दावा किया कि स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीजों का आकार, संक्षिप्त नामकरण करने का तरीका खतरनाक साबित हो रहा है। रमेश का कहना था कि GTRI की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और बहुत सावधान रहना होगा। कांग्रेस नेता ने कटाक्ष किया, "राष्ट्रपति ट्रंप 10 मई से 21 बार बोल चुके हैं कि कैसे उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को अचानक बंद करवाने के लिए मसाले का इस्तेमाल किया।" मसाला बॉन्ड भारतीय रुपये में मूल्यवर्गित बॉन्ड होते हैं, जो भारतीय कंपनियों द्वारा भारत के बाहर जारी किए जाते हैं। इनका उपयोग विदेशी निवेशकों से धन जुटाने के लिए किया जाता है।
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गूगल ने हाल ही में अपने Gemini AI के एंड्रॉइड फोन पर काम करने के तरीके में कुछ बड़े बदलावों की घोषणा की है जिसने यूज़र्स की निजता को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। एक ईमेल के ज़रिए यूज़र्स को बताया गया कि अब Gemini AI थर्ड-पार्टी ऐप्स जैसे WhatsApp से डेटा एक्सेस कर सकता है ताकि आप वॉयस कमांड के ज़रिए उन ऐप्स की सुविधाएँ इस्तेमाल कर सकें। पहली नज़र में यह एक सुविधाजनक फीचर लगता है लेकिन असली चिंता की बात यह है कि गूगल ने बड़ी चालाकी से ईमेल में यह बात छुपाई कि यह डेटा शेयरिंग तब भी जारी रहेगी जब आपने Gemini Apps Activity को बंद किया हो।