मानव तस्करी और देह व्यापार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 6 महीने में 271 लड़कियां और 506 बच्चे रेस्क्यू

punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 12:03 AM (IST)

नेशनल डेस्कः बिहार पुलिस ने मानव तस्करी, जबरन देह व्यापार और बाल श्रम के खिलाफ एक बड़े राज्यव्यापी अभियान में पिछले छह महीनों में कुल 777 बच्चों और किशोरियों को बचाया है। इनमें से कई बच्चों को बंधुआ मजदूरी, देह व्यापार और नाचने के लिए जबरन मजबूर किया गया था।

पुलिस मुख्यालय द्वारा गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह अभियान जनवरी 2025 से चलाया जा रहा है, और इसमें पुलिस के साथ-साथ कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।

बचाए गए बच्चों और लड़कियों की स्थिति

  • 271 लड़कियां बचाई गईं, जिनमें:

    • 153 को ऑर्केस्ट्रा समूहों में जबरन नचाया जा रहा था।

    • 118 को देह व्यापार में धकेला गया था।

  • 506 बच्चे, जिनमें ज्यादातर को:

    • होटलों, ईंट-भट्ठों, खेतों और निर्माण स्थलों पर जबरन मजदूरी कराई जा रही थी।

इन सभी बच्चों और लड़कियों को अब सरकारी पुनर्वास केंद्रों में रखा गया है, जहां उन्हें शिक्षा, काउंसलिंग और स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।

मानव तस्करी का अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

पुलिस के मुताबिक, बचाए गए बच्चों और किशोरियों में से अधिकांश की मूल पहचान बिहार से बाहर की है — इनमें नेपाल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और देशों के बच्चे शामिल हैं।

इससे यह आशंका और मजबूत होती है कि बिहार मानव तस्करी के एक बड़े अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का केंद्र बनता जा रहा है।


गिरफ्तारियां और कानूनी कार्रवाई

  • अब तक इस अभियान के तहत 191 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें:

    • 23 महिलाएं भी शामिल हैं।

  • एफआईआर की संख्या:

    • देह व्यापार से जुड़े मामलों में: 231 एफआईआर

    • ऑर्केस्ट्रा में जबरन नचाने के मामले में: 14 एफआईआर

पुलिस के अनुसार, कई लड़कियों को नशे का आदी बनाकर देह व्यापार में धकेला गया था, जो कि एक गंभीर अपराध है।


पुलिस का विशेष अभियान और संदेश

बिहार पुलिस ने यह भी बताया कि राज्य में मानव तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

पुलिस प्रवक्ता- "हम न केवल पीड़ितों को बचा रहे हैं, बल्कि उनके पुनर्वास और शिक्षा की भी व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है,"।

इस अभियान में बाल अधिकार आयोग, महिला आयोग और स्थानीय NGO लगातार सहयोग कर रहे हैं।


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Content Writer

Pardeep

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