बिना जंग लड़े कबाड़ बना F-35! टुकड़ों में लौटेगा ब्रिटेन, अमेरिका की हो रही इंटरनेशनल बेइज्जती!
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 10:22 PM (IST)

नेशनल डेस्कः ब्रिटिश रॉयल नेवी के अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर जेट F-35B लाइटनिंग II को आपात स्थिति में 14 जून 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारा गया था। विमान HMS Prince of Wales एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप से जुड़ा था और अरब सागर में भारत के साथ एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के दौरान मिशन पर था।
100 नॉटिकल मील की दूरी पर ऑपरेशन कर रहे इस विमान को खराब मौसम और ईंधन की कमी ने संकट में डाल दिया, जिससे पायलट को “SQUAWK 7700” इमरजेंसी कोड प्रसारित करना पड़ा। भारतीय वायुसेना और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की त्वरित प्रतिक्रिया के चलते उसे Bay 4 (वीआईपी मूवमेंट के लिए आरक्षित) में सुरक्षित लैंड कराया गया।
हाइड्रोलिक फेलियर बना तकनीकी चुनौती
लैंडिंग के बाद विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में गड़बड़ी पाई गई, जिसे उड्डयन सुरक्षा के लिए एक गंभीर दोष माना जाता है। इस खराबी के कारण विमान की टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमताओं पर प्रतिकूल असर पड़ा। रॉयल नेवी की एक प्रारंभिक तीन सदस्यीय इंजीनियरिंग टीम ने मौके पर जांच और मरम्मत की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब तक किए गए सभी प्रयास विफल रहे हैं।
अब विमान जाएगा टुकड़ों में वापस UK
19 दिन बीतने के बाद भी विमान उड़ान योग्य नहीं बन पाया है। अब रक्षा सूत्रों के अनुसार, जेट को आंशिक रूप से विघटित (dismantle) करके विशेष सैन्य कार्गो विमान, C-17 Globemaster, के जरिये वापस यूनाइटेड किंगडम भेजा जाएगा। ब्रिटेन से एक 40-सदस्यीय इंजीनियरिंग विशेषज्ञ टीम और एक भारी टो वाहन तैनात किए जा रहे हैं, जो विमान को सुरक्षित रूप से विघटित कर उसके हिस्सों को कंटेनरों में पैक कर C-17 से रवाना करेंगे। यह ऑपरेशन अगले कुछ दिनों में शुरू हो सकता है।
भारत का सहयोग, पर तकनीकी गोपनीयता बनी बाधा
भारतीय वायुसेना ने विमान की तकनीकी जांच और मरम्मत के लिए अपने MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) केंद्रों की पेशकश की थी, लेकिन रॉयल नेवी ने स्टेल्थ तकनीक की संवेदनशीलता के कारण यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। एयर इंडिया ने भी विमान को बारिश से बचाने के लिए हैंगर स्पेस की पेशकश की, जिसे पहले ठुकरा दिया गया था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों से इसे स्वीकार कर लिया गया।
पार्किंग शुल्क भी बन सकता है मुद्दा
त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, विमान के लगातार खुले टरमैक पर खड़े रहने से अब तक का पार्किंग शुल्क लाखों रुपये में पहुंच गया है। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार और ब्रिटिश उच्चायोग के परामर्श से लिया जाएगा। आमतौर पर यह शुल्क विमान के वजन, अवधि और उपयोग किए गए ग्राउंड सपोर्ट पर आधारित होता है।
F-35B: क्यों है यह लड़ाकू विमान खास?
F-35B को अमेरिकी कंपनी Lockheed Martin ने विकसित किया है और यह दुनिया के सबसे उन्नत व महंगे लड़ाकू विमानों में से एक है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:
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स्टेल्थ तकनीक: रडार से बच निकलने की क्षमता।
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STOVL क्षमता: कम दूरी में टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग।
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फ्यूजन सेंसर: रियल टाइम डेटा और टारगेटिंग की दक्षता।
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कीमत: एक विमान की अनुमानित लागत करीब $110 मिलियन (~₹950 करोड़) है।
इसकी उपस्थिति किसी भी एयरबेस या युद्ध क्षेत्र में सामरिक बढ़त देती है। यही कारण है कि इसकी तकनीकी सुरक्षा पर उच्चतम स्तर की सतर्कता बरती जाती है।
सोशल मीडिया पर भी बना चर्चा का विषय
F-35B के एक नागरिक हवाईअड्डे पर खड़े रहने के असामान्य दृश्य ने ऑनलाइन भारी चर्चा और मीम्स को जन्म दिया।
"Stealth Mode: Disabled", "Grounded like a school kid", और "When you miss your Uber and end up in Kerala" जैसे मीम्स वायरल हो चुके हैं।
केरल टूरिज्म ने भी एक रचनात्मक मोड़ देते हुए मज़ाकिया पोस्ट जारी किया:"Kerala is such an amazing place, I don’t want to leave. Definitely recommend."