Mata Vaishno Devi Yatra: रोकी गई माता वैष्णो देवी यात्रा, जम्मू-कश्मीर में कहर बनकर टूटा बादल, लोगों के आंखों के सामने उजड़े आशियाने

punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 02:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोग दहशत में हैं और आंखों के सामने सबकुछ तबाह होते देख रहे हैं। डोडा के थाथरी उपमंडल में देर रात अचानक बादल फट गया, जिससे भारी मात्रा में पानी और मलबा बस्तियों में घुस गया। इस भयावह घटना में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि दर्जनों घर तबाह या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं, कटरा में माता वैष्णो देवी यात्रा भी रोक दी गई। भक्तों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

 तबाही का मंजर: मकान बहे, परिवार बेघर
घटना के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कई परिवारों ने अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने उजड़ते देखे। कुछ लोग जैसे-तैसे कीमती सामान समेट कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। ऊपरी इलाकों में कई घर पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि कुछ जगहों पर दीवारें ढहने और फर्नीचर बहने की खबरें हैं। प्रभावित गांवों में लोग खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर हैं, क्योंकि लगातार हो रही बारिश से राहत कार्यों में भी रुकावटें आ रही हैं।

 मौसम ने बढ़ाई चिंता, अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने डोडा और आसपास के क्षेत्रों में अगले कुछ घंटों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों से हटने की अपील की है। मौसम की गंभीरता को देखते हुए वैष्णो देवी यात्रा को भी फिलहाल रोक दिया गया है, जिससे सैकड़ों श्रद्धालु कटरा में फंसे हुए हैं।

 बचाव कार्य तेज, लेकिन चुनौतियां बरकरार
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव दल मौके पर तैनात कर दिए गए हैं। सेना, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें फंसे हुए लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने में जुटी हुई हैं। लेकिन लगातार हो रही बारिश और खराब सड़कों की वजह से राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।

स्थानीय लोगों का दर्द
डोडा के निवासियों ने बताया कि ऐसी तबाही उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। कुछ लोगों ने अपने जीवनभर की कमाई को मलबे में दबते देखा, तो कई परिवारों के पास अब रहने को छत नहीं बची। प्रशासन से त्वरित मुआवज़े और पुनर्वास की मांग की जा रही है।

 प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। साथ ही, जिन इलाकों में जलभराव या भूस्खलन का खतरा है, वहां से स्वेच्छा से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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