जन्म से मुसलमान नहीं थे समीर वानखेड़े...जाति प्रमाण पत्र मामले में मिली क्लीन चिट, ट्वीट कर लिखा - 'सत्यमेव जयते'

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2022 - 02:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े की जाति को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करते हुए कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। सीमिति ने समीर वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र को बरकरार रखा है। वानखेड़े पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षित श्रेणी के तहत सरकारी नौकरी हासिल की थी। तीन सदस्यीय समिति ने मामले की जांच के बाद  वानखेड़े को क्लीन चिट दे दी है।

समिति ने आदेश में लिखा है कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। यह साबित नहीं हुआ है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन यह साबित हो गया है कि अनुसूचित जाति महार से ताल्लुक रखते हैं। वानखेड़े ने इस आदेश के तुरंत बाद ट्विटर पर लिखा, "सत्यमेव जयते।" इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है।

मुंबई पुलिस को दो शिकायतें भी मिलीं जिसमें शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर वानखेड़े का जन्म और विवाह प्रमाण पत्र समिति के समक्ष रखा था। वानखेड़े ने इससे पहले भी इन आरोपों का खंडन किया था और उन्होंने कहा था कि स्कूल रिकॉर्ड में 1985 से 1989 तक उनकी जाति मुस्लिम समुदाय के तौर पर दर्शायी गयी है और इसके बाद उनके प्रमाण पत्र में उन्हें अनुसूचित जाति महार दर्शाया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में एक क्रूज पर ड्रग पार्टी से जुड़े मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान और कुछ अन्य को आरोपी बनाये जाने के बाद मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप लगाए थे।


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Content Editor

rajesh kumar

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