चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग: आदिपुरुष फिल्म के बजट से भी सस्ता है 'चंद्रयान-3' 40 दिन बाद चांद पर होगा लैंड
punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2023 - 03:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण किया। कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड' से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक, चंद्रयान-3, रॉकेट एलवीएम3-एम4 से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है।
बता दें कि 16 मिनट बाद चंद्रयान को रॉकेट ने ऑर्बिट में प्लेस किया और यह करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे।
चंद्रयान-3 का बजट आदिपुरुष फिल्म के बजट से भी सस्ता
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विवादों में रही फिल्म आदिपुरुष की बजट से भी कम पैसों में चंद्रयान-3 को लांच में करने में लागत आई। बता दें कि चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपए है, जबकि फिल्म आदिपुरुष की कॉस्ट 700 करोड़ रुपए थी। वहीं चंद्रयान 2 की लागत 603 करोड़ रुपए थी। हालांकि, चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग पर 375 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
एलवीएम3-एम4 रॉकेट को 'फैट बॉय' के नाम से पुकारते है वैज्ञानिक
एलवीएम3-एम4 रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है जिसे वैज्ञानिक 'फैट बॉय' कहते हैं। प्रक्षपेण देखने के लिए मौजूद हजारों दर्शक चंद्रयान-3 के रवाना होते ही खुशी से झूम उठे। आज रवाना हुआ ‘चंद्र मिशन' 2019 के ‘चंद्रयान-2' का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' का है।
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— BALA (@erbmjha) July 14, 2023
‘चंद्रयान-2' मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम' पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने में सफल नहीं हुआ था। यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। इसरो ने पूर्व में कहा था कि ‘चंद्रयान-3' कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग' और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है।
‘चंद्रयान-3' की होगी ‘सॉफ्ट लैंडिंग'
एलवीएम3एम4 रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। अगस्त के अंत में ‘चंद्रयान-3' की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' की योजना बनाई गई है। उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए सहायक होगा। चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है।
एलवीएम3 की चौथी अभियानगत उड़ान है
शुक्रवार का मिशन एलवीएम3 की चौथी अभियानगत उड़ान है जिसका उद्देश्य ‘चंद्रयान-3' को भू-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करना है। इसरो ने कहा कि एलवीएम3 रॉकेट ने कई उपग्रहों को प्रक्षेपित करने, अंतरग्रही अभियानों सहित अधिकतर जटिल अभियानों को पूरा करने करने की अपनी विशिष्टता साबित की है। इसने कहा कि यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों को ले जाने वाला सबसे बड़ा और भारी प्रक्षेपण यान भी है।