बिल गेट्स की बड़ी चेतावनी: AI ले जाएगा लाखों नौकरियां, लेकिन ये 3 प्रोफेशन 100 साल तक रहेंगे सुरक्षित
punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 12:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: AI अब सिर्फ भविष्य का विचार नहीं, बल्कि आज की हकीकत बन चुका है। हर सेक्टर में इसका असर तेजी से फैल रहा है। एक ओर जहां यह तकनीक काम को आसान बना रही है, वहीं दूसरी ओर यह लाखों लोगों की नौकरियों के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने AI को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जो नौकरीपेशा लोगों को चिंता में डाल सकता है।
AI से खतरे की घंटी!
बिल गेट्स का मानना है कि आने वाले वर्षों में AI कई क्षेत्रों की नौकरियों को पूरी तरह से बदल देगा या खत्म कर देगा। खासतौर पर वे जॉब्स जो दोहराए जा सकने वाले कामों पर आधारित हैं – जैसे डेटा एंट्री, बेसिक एनालिसिस या रूटीन रिपोर्टिंग। ऐसे कामों में मशीनें इंसानों से तेज़, सस्ते और लगातार काम कर पाने में सक्षम होती जा रही हैं।
लेकिन राहत की बात ये है...
बिल गेट्स ने यह भी साफ किया है कि भले ही AI से नौकरियों का परिदृश्य बदल रहा हो, कुछ पेशे ऐसे हैं जो अभी भी AI से सुरक्षित हैं – और आगे भी रहेंगे। इन क्षेत्रों में इंसानी दिमाग की रचनात्मकता, समस्या सुलझाने की क्षमता और जमीनी समझ की हमेशा जरूरत बनी रहेगी।
आइए जानते हैं वो तीन जॉब्स जो AI के युग में भी 100 साल तक सुरक्षित मानी जा रही हैं:
सॉफ्टवेयर डेवलपर्स / कोडर्स
AI ने कोडिंग के क्षेत्र में भले ही बड़ी छलांग लगा ली हो, लेकिन अब भी जटिल समस्याओं का हल निकालने, सिस्टम डिजाइन करने और एरर फिक्सिंग जैसे कामों में इंसानी विशेषज्ञता की जरूरत है। AI खुद में अभी इतना सक्षम नहीं है कि बिना इंसानी गाइडेंस के पूरी तरह से एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइकिल को संभाल सके।
एनर्जी सेक्टर एक्सपर्ट्स
ऊर्जा उत्पादन और प्रबंधन एक जटिल और बहुआयामी क्षेत्र है। चाहे वह तेल और गैस हो, न्यूक्लियर एनर्जी, या फिर रिन्यूएबल सोर्सेज, इसमें डेटा के साथ-साथ नीतियों, पर्यावरणीय प्रभाव और स्थिरता जैसे पहलुओं को समझने की जरूरत होती है। ये वो क्षेत्र हैं जहां AI अकेले निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।
जीवविज्ञानी (Biologists)
जीवविज्ञान का क्षेत्र इंसानी समझ, रचनात्मक सोच और अनदेखी समस्याओं को सुलझाने की जिज्ञासा पर आधारित है। AI बेशक पुराने डेटा के आधार पर विश्लेषण कर सकता है, लेकिन वह किसी नई खोज या थ्योरी को जन्म नहीं दे सकता। नई दवाएं, बीमारियों की जड़ें और जैविक प्रक्रियाओं को समझने के लिए वैज्ञानिकों की सोच और प्रयोग जरूरी हैं।