यासीन मलिक-बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर से खुलेंगे कश्मीरी पंडितों की हत्या के केस!, डीजीपी सिंह ने दिए ये संकेत
punjabkesari.in Wednesday, Mar 23, 2022 - 01:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 'द कश्मीर फाइल्स' रिलीज होने के बाद यासीन मलिक और बिट्टा कराटे चर्चा में हैं। जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के आरोपी रहे यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ केस फिर से खोलें जा सकते हैं, डीजीपी दिलबाग सिंह ने खुद इस बाते के संकेत दिए हैं। डीजीपी का कहना है कि हम सभी आतंकी मामलों की जांच करेंगे। किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) की रिलीज के बाद से जब डीजीपी दिलबाग सिंह से पूछा गया था कि क्या यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केसों को फिर खोला जाएगा। इसके जबाव में उन्होंने कहा कि, 'हां हम सभी मामलों की जांच करेंगे, किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा।'
कौन है बिट्टा कराटे?
बिट्टा कराटे यानी फारुख अहमद डार अलगाववादी नेता है, जिसे 'कश्मीरी पंडितों का कसाई' कहा जाता था। कश्मीर घाटी में हथियार उठाने वालों की शुरुआती लिस्ट में बिट्टा का नाम आता है। एक इंटरव्यू में बिट्टा ने खुद 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या करने की बात कबूली थी। उसने कहा था कि ऐसा करने के लिए उसे टॉप कमांडर्स से ऑर्डर मिले थे। 1990 में जब घाटी से पलायन शुरू हुआ तो उसके पीछे बिट्टा का खौफ बड़ी वजह थी। उसे पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (PoK) जाकर आतंकी ट्रेनिंग ली।
1990 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था बिट्टा
कश्मीरी पंडितों के घाटी छोड़कर भागने के बाद, 22 जनवरी 1990 को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने फारुख अहमद डार को श्रीनगर से अरेस्ट किया। उस वक्त उसपर 20 मुकदमे चलाए गए। बिट्टा कराटे ने करीब 16 साल सलाखों के पीछे बिताए, आखिर में 23 अक्टूबर, 2006 को टाडा अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया। बिट्टा को रिहा करते समय अदालत ने टिप्पणी की थी कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत देने में नाकामयाब रहा।