बुराड़ी केसः घर में लगे CCTV ने बयां किया काली रात का सच

punjabkesari.in Thursday, Jul 05, 2018 - 09:35 AM (IST)

नई दिल्ली(मुकेश ठाकुर) : बुराड़ी में 11 लोगों की फंदे से लटककर हुई मौत के बारे में क्राइम ब्रांच ने कहा है कि ये एक दुर्घटना थी जो सामूहिक आत्महत्या में बदल गई। परिजनों को यकीन था कि वे लोग जब सामूहिक रूप से आत्महत्या करने की कोशिश करेंगे तो उनकी मौत नहीं होगी बल्कि पूजा विधि के तहत कप में रखे पानी का रंग बदल जाएगा और पिता प्रकट होंगे और सभी को बचा लेंगे। पुलिस के मुताबिक सब कुछ दुर्घटनावश हुआ क्योंकि रजिस्टर में लिखा था कि इस प्रक्रिया के बाद हाथ खोलने थे। रजिस्टर में लिखा है, उनका विश्वास था कि इस प्रक्रिया से उनकी शक्तियां बढ़ जाएंगी और पूजा के खत्म होते ही सबको एक-दूसरे की हाथ खोलने में मदद करनी होगी। ये बातें क्राइम ब्रांच को 30 जून को डायरी में लिखे आखिरी शब्दों और मौके पर मिले सीसीटीवी फुटेज से पता चली है।
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क्राइम ब्रांच ने घर के सीसीटीवी को रिकवर कर लिया है जिसमें उस रात की पूरी कहानी की स्क्रिप्ट दिख रही है। इस संबंध में जांच में जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूजा की विधि को 24 जून से शुरू किया था और ये पूजा ललित द्वारा कथित रूप से अपने ऊपर अपने मृतक पिता भोपाल सिंह की आत्मा द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार शुरू की गई थी। डायरी के पन्ने और सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक ललित और टीना ने सामूहिक खुदकुशी की पूरी योजना बनाई थी। जिसकी जानकारी घर की मुखिया नारायणी देवी और भूपेन्द्र को थी। क्योंकि घर में मिले रजिस्ट्रर पर चारों की राइटिंग है। क्राइम ब्रांच ने बताया कि 30 जून 2018 की आखिरी एंट्री इस घटना का राज खोलती है। डायरी में अंतिम एंट्री में एक पन्ने पर लिखा है कि घर का रास्ता- 9 लोग जाल में रहेंगे, बेबी (विधवा बहन) मंदिर के पास स्टूल पर, 10 बजे खाने का ऑर्डर दिया जाएगा, मां सभी को रोटी खिलाएगी, एक बजे क्रिया जो शनिवार-रविवार रात के बीच होगी, सभी के मुंह में गीला कपड़ा ठुंसा होगा, हाथ बंधे होंगे।
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इसी पन्ने में यह भी लिखा है कि अगर बेबी (बहन) खड़ी नहीं हो सकती तो वह लेट सकती है। जाप खत्म होने के बाद ललित को ही छड़ी की सहायता से सभी को पूजा खत्म होने का इशारा करना था। इसके बाद सभी को एक-दूसरे को फंदे से उतारने का भी आदेश दिया गया था। इसमें आखिरी पंक्ति में लिखा है कि कप में पानी तैयार रखना, इसका रंग बदलेगा, मैं प्रकट होऊंगा और सबको बचाऊंगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सभी सामूहिक रूप से फांसी पर झूल गए।

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Seema Sharma

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